US News: चाबहार डील पर अमेरिकी राजदूत ने तोड़ी चुप्पी, कहा- “ईरान आतंक का निर्यात करता है…”

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US News: चाबहार पोर्ट को लेकर भारत और ईरान के बीच हुए समझौते के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय धमकाने में जुट गया है. एक बयान में अमेरिकी विदेश मंत्रालय (US State Department) ने कहा है कि ईरान के साथ बिजनेस करने वाले देशों पर प्रतिबंध लग सकता है. उन्‍होंने कहा, भारत को चाबहार समझौते पर कोई छूट नहीं दी गई है. इसी अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने साल 2018 में एक बयान में कहा था कि चाबहार पर भारत को छूट दी गई है. अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अब इस पूरे विवाद पर चुप्‍पी तोड़ी है.

भारत पर प्रतिबंधों का है खतरा

उन्‍होंने कहा कि बिजनस करने वालों को यह जानना चाहिए कि ईरान के साथ रिश्‍ते बनाने में खतरा है. क्‍योंकि, वह आतंक का निर्यात करता है. एरिक गार्सेटी ने भारत में एक साल पूरे होने पर इंडिया टुडे को दिए गए साक्षात्‍कार में सफाई दी कि अमेरिकी दूतावास अभी अमेरिकी विदेश मंत्रालय से और ज्‍यादा स्‍पष्‍टीकरण का इंतजार कर रहा है. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत पर प्रतिबंधों का खतरा है. उन्‍होंने कहा- ‘हम विदेश मंत्रालय से इस बयान पर और ज्‍यादा स्‍पष्‍टीकरण का इंतजार कर रहे हैं. हम जानते हैं कि ईरान आतंकवाद के लिए एक ताकत है. ईरान एक ऐसी ताकत है, जो कई गलत चीजों का निर्यात करता है. यह न केवल मध्‍य पूर्व में बल्कि अन्‍य स्‍थानों पर भी। हम आमतौर पर प्रतिबंध लगाते हैं.

‘ईरान आतंकवाद का करता है निर्यात’

एरिक गार्सेटी ने कहा, ‘लेकिन ज्‍यादा बिजनस करने वालों को यह जानना चाहिए कि ईरान के साथ संवाद करने में खतरा है, क्‍योंकि वह आतंकवाद का निर्यात करता है. ईरान सीधे तौर पर दूसरे संप्रभु देश (इजरायल) पर हमला करता है, जैसाकि हमने हाल ही में देखा है. यह हम सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि भारत के आसपास के इलाकों में हालात स्थिर रहें जो लोकतांत्रिक है और कानून का पालन करते हैं. साथ ही निश्चित रूप से आतंकवाद का निर्यात नहीं करते हैं. मैं समझता हूं कि यह एक साझा चिंता है.

‘बता दें, भारत ने सोमवार को ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट स्‍थित चाबहार बंदरगाह पर शाहिद बेहिश्ती टर्मिनल के विकास और संचालन के लिए ईरान के साथ 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. ईरान में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘तेहरान में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन द्वारा केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए.’ समझौते के तहत, सरकारी स्वामित्व वाली आईपीजीएल लगभग 120 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जबकि वित्तपोषण में अतिरिक्त 250 मिलियन डॉलर होंगे, जिससे अनुबंध का मूल्य 370 मिलियन डॉलर हो जाएगा, ईरानी सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बजरपाश ने तेहरान में पत्रकारों को बताया.

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