US Support Wuhan Lab: दुनियाभर में तबाही मचाने वाली महामारी कोविड को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट के डॉक्यूमेंट के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने कोविड महामारी से कुछ महीने पहले वुहान में किए जाने वाले वायरस टेस्टिंग का सपोर्ट किया था. वुहान लैब में 5 लाख वायरस का टेस्ट किया जाना था. उन्हें ये पता था कि ये मानव जाति के लिए बेहद हानिकारक है.
अमेरिकी वैज्ञानिक ने पहले दी थी जानकारी
एटोसा जेनेटिक्स के सीईओ और अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. स्टीफ़न क्वे ने भी एक पुराने वीडियो में करीब 5 लाख अज्ञात वायरस को इकट्ठा करने के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि ये वायरस जो मनुष्यों को संक्रमित करने में सक्षम होने चाहिए. उन्हें आपके नजदीकी लैब में वापस ला सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि ऐसा करने को गलत कैसे कहा जा सकता है?
https://twitter.com/SenRandPaul/status/1554919560708587521
महामारी में वायरस से होता था संक्रमण
चीन, अमेरिका, भारत सहित दुनिया के कई देश जो इस भयंकर महामारी का शिकार थे. इस महामारी में लोगों को इन्फेक्शन वायरस से ही होता था. इस महामारी के कारण लाखों लोगों की मौत हो गई थी. कोविड के शुरुआती मामले चीन के वुहान शहर से आने की बात कही जा रही थी, लेकिन इसको लेकर कोई खास सबूत सामने नहीं आए थे.
सवालों के घेरे में अमेरिका
ऐसे में अमेरिका का वुहान में ही 5 लाख वायरस को लेकर सपोर्ट करना कई सवाल खड़े करता है. क्या पूरी दुनिया को परेशान करने वाले इस वायरस के जन्म में अमेरिका और चीन दोनों का बराबर का योगदान है? कोविड-19 के वायरस का नाम सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) है. ये सांस के माध्यम से एक शख्स से दूसरे शख्स के बीच आसानी से फैल सकता है. इससे संक्रमित व्यक्ति में फीवर और सर्दी के लक्षण देखने को मिलते हैं.
जाने ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट के बारे में
न्यूयॉर्क में मौजूद इकोहेल्थ एलायंस के लीडरशिप में ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के ‘Batwoman’और में दुनिया के हर वायरस को इकट्ठा करने के लिए एक पिच है. ये अमेरिकी सरकार के सहयोगी थे.
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