US News: भारत के पड़ोसी देश मालदीव में चीन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है. जब से मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति का पद संभाला है तब से मालदीव चीन के और करीब हुआ है. इसे लेकर अब संयुक्त राज्य अमेरिका ने वॉर्निंग दी है. अमेरिका का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मालदीव चीन की कॉलोनी बन जाएगा. वहीं श्रीलंका में चीनी प्रभाव कम होने पर अमेरिका ने उसकी सराहना की.
चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर जाहिर की चिंता
दरअसल, शीर्ष अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू इस सप्ताह यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स समिति के समक्ष पेश हुए. इस दौरान उन्होंने मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि अगर हमने कुछ नहीं किया तो मालदीव चीन की कॉलोनी बन जाएगा. साथ ही लू ने कहा कि श्रीलंका में अब चीन का प्रभाव रोक दिया गया है. वहीं चीनी प्रभाव के प्रति संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने में श्रीलंका के प्रयासों की सराहना करते हुए डोनाल्ड लू ने कहा कि श्रीलंका में कोई भी चीनी मिलिट्री बेस नहीं है, क्योंकि हमने और हमारे सहभागियों ने श्रीलंका की मदद की. यह कमेंट श्रीलंका के तरफ से अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और निवेश में विविधता लाने से जुड़ी है.
लू की टिप्पणी सावधान करने वाली
इसके अलावा डोनाल्ड लू ने मालदीव को लेकर चेतावनी दी. दरअसल मालदीव की सत्ता में मुइज्जू के आने के बाद से वह चीन के नजदीक हुए हैं. उन्होंने भारत के बजाय चीन का दौरा किया था. यहीं नहीं मुइज्जू ने भारत को अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था. चीन ने उन्हें बुनियादी ढांचा परियोजना में सहायता के लिए आश्वस्त किया है. चीनी प्रभाव को लेकर लू की टिप्पणी सावधान करने वाली हैं. लू ने कहा कि यदि हमने चीन को सबकुछ करने दिया तो मालदीव के चीनी कॉलोनी बनने का खतरा है.
मालदीव को अमेरिका की वॉर्निंग
राजनयिक डोनाल्ड लू ने कहा कि श्रीलंका कर्जे की जिस अवस्था में था, मालदीव अभी वहां तक नहीं पहुंचा है. उसे हम सभी से मदद की आवश्यकता है. यूएस एड (अमेरिकी दान), टेक्निकल एडवाइजर द्वारा उसकी मदद कर सकते हैं. जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित हम मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि मालदीव के पास ऑप्शन मौजूद रहे. अगर हमने चाइना को सबकुछ करने दिया, सारे कर्जे देने दिए तो संभव है कि आने वाले कुछ साल में मालदीव चीन का उपनिवेश बन जाए. हमारे लिए मालदीव के साथ रहना जरूरी है.
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