US Envoy Amos Hochstein: इजरायल और चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह के बीच तनाव चरम पर है. इजरायली हमले से लेबनान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. हिजबुल्लाह की कमर तोड़ने और लेबनान को बर्बाद करने के बाद भी इजरायल का एक्शन जारी है. ऐसे में एक बार फिर लेबनान में सीजफायर की कोशिश तेज हो गई है. अमेरिका के विशेष दूत अमोस होचस्टीन इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत के लिए मंगलवार यानी आज बेरूत पहुंचे हैं.
सीजफायर पर लेबनान की सकारात्मक प्रतिक्रिया
दरअसल, सोमवार को सीजफायर प्रस्ताव पर लेबनान ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. जिसके बाद इजरायल के जवाब का इंतजार किया जा रहा है. अगर लेबनानी अधिकारियों के साथ होचस्टीन की चर्चा सफल होती है, तो वह इसको आगे बढ़ाने के लिए वह बुधवार को इजरायल का दौरा करेंगे. एक लेबनानी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि लेबनान इस प्रस्ताव पर बहुत सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है. हमने इस मामले में बहुत प्रगति की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मसौदे पर आखिरी तैयारी की जा रही है. अमेरिकी दूत होचस्टीन इसी ड्राफ्ट की आखिरी प्रक्रिया पर चर्चा के लिए बेरूत पहुंचे हुए हैं.
खबरों की लेबनान नेता ने की पुष्टि
लेबनान के सांसद और नबीह बेरी के टॉप राजनीतिक सहयोगी अली हसन खलील ने रॉयटर्स से कहा कि लेबनान पक्ष, जिसमें हिजबुल्लाह भी शामिल है, ने इजरायल के साथ सीजफायर के लिए अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति जताई है. हसन खलील ने प्रस्ताव को युद्ध खत्म करने के लिए अब तक का सबसे गंभीर प्रयास बताया.
इजरायल की प्रतिक्रिया पर टिकी नजर
जब हिजबुल्लाह और लेबनान ने अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति जताने की संकेत दिए हैं तो, अब इजरायल की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. इस प्रगति के बाद भी इजरायली अधिकारियों का अभी तक अमेरिकी युद्ध विराम प्रस्ताव पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आया है.
क्या है अमेरिका के प्रस्ताव में?
नवंबर महीने के शुरुआत में कैन पब्लिक ब्रॉडकास्टर ने अमेरिकी प्रस्ताव के लीक पब्लिश किए, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को पूरी तरह लागू करने की बात कही गई है, जिसे साल 2006 में दूसरे लेबनान युद्ध को खत्म करने के लिए पारित किया गया था. हिजबुल्लाह को लिटानी नदी के उत्तर में अपनी सेना को ले जाने के लिए कहा गया था.
अमेरिकी अखबार एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे हालिया मसौदे में 60 दिनों का ट्रांजिशन दौर शामिल है, जिसमें इजरायली सेना दक्षिणी लेबनान से हट जाएगी, लेबनानी सेना सीमा के करीब तैनात होगी और हिजबुल्लाह अपने भारी हथियारों को लिटानी के उत्तर में ले जाएगा. खबर है कि इस प्रस्ताव को लेबनान की ओर से करीब-करीब स्वीकार कर लिया गया है.
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