पाकिस्तान के ISI और आतंकवादियों के बीच है घनिष्ठा, अमेरिका के पूर्व NSA का बड़ा खुलासा

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US On Pakistan ISI: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैकमास्टर ने पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आंतकवादियों के बीच मिलीभगत को लेकर बड़ा खुलासा किया है.पूर्व एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्‍टर ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकी समूहों में घनिष्‍ठता है. मैकमास्टर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के दौरान उनके कार्यकाल में व्हाइट हाउस को इस्लामाबाद को सुरक्षा सहयोग उपलब्‍ध कराने को लेकर विदेश विभाग और पेंटागन के विरोध का सामना करना पड़ा था.

डोनाल्ड ट्रंप की थी सख्ती

पूर्व एनएसए मैकमास्टर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को तब तक सभी सहायता रोकने का आदेश दिया था, जब तक वह आतंकियों को सुरक्षित पनाह उपलब्‍ध कराना बंद नहीं करता. हालांकि इसके बावजूद तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को एक सैन्य सहायता पैकेज देने का प्‍लान बना रहे थे, जिसमें 15 करोड़ डॉलर से अधिक के बख्तरबंद वाहन शामिल थे.

ट्रंप ने पाकिस्तान को पैसे देने से किया था इनकार

मैकमास्टर ने ए वार विद आवरसेल्फ: माय टूर ऑफ ड्यूटी इन द ट्रंप व्हाइट हाउस नाम के किताब में ये टिप्पणियां की हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि, रक्षा मंत्री जिम मैटिस हस्तक्षेप के बाद यह सहायता रोक दी गई थी. एचआर मैकमास्टर ने कहा कि ‘तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई मौकों पर स्पष्ट रूप से कहा था कि पाकिस्तान को तब तक सहायता रोक दी जाएगी जब तक वह अफगानिस्तान में अफगान, अमेरिकी और गठबंधन सेना के सदस्यों को मारने वाले आतंकवादी संगठनों को मदद करना बंद नहीं कर देता. उन्‍होंने कहा कि हम सभी ने डोनाल्‍ड ट्रंप को यह कहते हुए सुना था कि मैं नहीं चाहता कि अब पाकिस्तान को और पैसा दिया जाए.

मुंबई हमले को लेकर खुलासा

मुंबई हमले को लेकर मैकमास्टर ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप पाकिस्तान द्वारा मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रिहाई से बहुत खफा थे. मैकमास्टर ने लिखा कि ‘पाकिस्तान अपना रवैया नहीं बदल रहा था. उसकी सरकार ने मैटिस की यात्रा की पूर्व संध्या पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा कर दिया था, जो किसी अपमान से कम नहीं था. इसके बाद पाकिस्तान में बंधकों से संबंधित एक घटना ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की निर्विवाद मिलीभगत का खुलासा किया था.

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