अमेरिका और जापान के बीच बड़ा सैन्य समझौता, दोनों देश मिलकर बजाएंगे चीन का बैंड; जानिए कैसे

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US and Japan Military Agreement: चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका और जापान में बड़ी सैन्य डील हुई है. इस सैन्य डील के तहत दोनों देश मिलकर चालबाज ड्रैगन की हरकतों का जवाब देंगे. दरअसल, रविवार को जापान की राजधानी टोक्यो में दोनों देशों के रक्षा प्रमुख और शीर्ष राजनयिकों ने चीन से बढ़ते खतरे के बीच अपने सैन्य सहयोग को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक बैठक की. इस बैठक में सुरक्षा और मिसाइल का उत्पादन बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. आइए जानते हैं दोनों देशों में क्या कुछ खास बातचीत हुई.

इतिहास के महत्वपूर्ण मोड़ पर हम…

जापान-अमेरिका सुरक्षा परामर्श समिति की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने जापानी समकक्षों योको कामिकावा और मिनोरू किहारा से “2+2” सुरक्षा वार्ता की. इस बैठक में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से जो बाइडन के अपना नाम वापस लेने के बाद गठबंधन को जारी रखने पर भी सहमति जताई गयी.

इस दौरान कामिकावा ने कहा, “हम इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, क्योंकि नियम-आधारित, स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पूरी तरह से हिल चुकी है. “यह एक ऐसा महत्वपूर्ण दौर है, जब हमारा आज का फैसला हमारे भविष्य को निर्धारित करेगा.”

दबदबा बढ़ाने में जुटा चीन

वहीं, अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन ने कहा कि चीन अपना दबदबा बढ़ाने में लगा हुआ है और पूर्वी व दक्षिण चीन सागर, ताइवान के आसपास और पूरे क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की कोशिश में जुटा हुआ है. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम और रूस के साथ उसका गहराता सहयोग ‘क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है’. ऑस्टिन ने कहा कि मंत्रियों ने अमेरिकी बलों सहित दोनों देशों के कमान व नियंत्रण संरचनाओं को आधुनिक बनाने के ऐतिहासिक प्रयासों पर चर्चा करने की योजना बनाई है.

इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण गठजोड़

दोनों देशों के बीच हुई इस बैठक में मार्च के महीने में एकीकृत कमान बनाने के जापान के जारी प्रयासों के साथ-साथ अमेरिकी कमान और नियंत्रण प्रणाली को उन्नत बनाने पर भी चर्चा हुई. अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन ने कहा, “यह हमारे गठजोड़ के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक होगा.” बताते चले कि जापान में 50 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात हैं लेकिन उसके पास कमान का कोई अधिकार नहीं है. इसके बजाय यह हवाई स्थित हिंद-प्रशांत कमान से आता है.

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