अमेरिका के इस अधिकारी को माना जाता है ‘तख्तापलट स्पेशलिस्ट’, अब कर रहे भारत का दौरा

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US Assistant Secretary Donald Lu India Visit: अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारी डोनाल्ड लू इस समय भारत के दौरे पर हैं. बता दें कि डोनाल्ड लू वही अधिकारी हैं जिनका नाम पाकिस्तान में इमरान सरकार गिराने और बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद सामने आया था. डोनाल्ड लू अमेरिका के विदेश विभाग में साउथ और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं. भारत की अपनी यात्रा करने के बाद वह बांग्लादेश की यात्रा करेंगे. बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद लू की यह पहली यात्रा होगी.

भारत पहुंचे अमेरिकी अधिकारी ने बुधवार को अमेरिका-भारत व्यापार परिषद की ओर से आयोजित इंडिया आइडिया समिट में हिस्सा भी लिया. इस समिट में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी और कई अन्य भारतीय अधिकारयों ने शिरकत की थी. लू की भारत की यात्रा का मकसद अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक भागीदारी को मजबूत करना है.

बांग्लादेश भी जाएंगे लू

भारत की यात्रा को पूरा करने के बाद डोनाल्ड लू 14 और 15 सितंबर को बांग्लादेश में रहेंगे, इस दौरान वह अंतरिम सरकार के साथ इकोनॉमिक डायलॉग में हिस्सा लेंगे. इस समिट का आयोजन अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस दौरान उनकी मुलाकात अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से भी हो सकती है. अमेरिका के विदेश विभाग के अनुसार इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश के आर्थिक विकास, वित्तीय स्थिरता और डेवेलपमेंट होने वाला है.

लू को माना जाता है तख्तापलट स्पेसशलिस्ट

बीते कुछ दिनों में भारत के पड़ोसी मुल्कों में जब राजनीतिक उठा-पटक हुई तो अमेरिका के इस वरिष्ठ अधिकारी का नाम सामने आता रहा है. वहीं, अगस्त के महीने में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिराने का आरोप भी अमेरिका पर लगा था. बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और जिस दौरान पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिरी थी, उस वक्त भी अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू का ही नाम सामने आया था. ऐसा माना जाता है कि चीन और रूस के साथ इमरान खान सरकार की नजदीकियां अमेरिका को चुभ रही थीं.

गौरतलब है कि साल 2024 में डोनाल्ड लू बांग्लादेश के दौरे पर गए थे. इसके इस दौरे के बाद ही बांग्लादेश में छात्र आंदोलन की आग ऐसी लगी कि शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया. बाद में शेख हसीना ने भी अमेरिका पर ही बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का आरोप मढ़ा था.

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