US Statement On Bangladesh: बांग्लादेश में हिंसा के बाद सियासी तख्तापलट का जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया जा रहा है. खुद बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने भी यह बात कही की बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ वो अमेरिका की सोची समझी साजिश है. लेकिन इन आरोपों को अमेरिका ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इसमें हमारा कोई हाथ नहीं है.
दरअसल, बांग्लादेश में हिंसा के बाद सियासी तख्तापलट के आरोपों को लेकर अमेरिका ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने अपने ऊपर लगे सरकार की संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें देश में विरोध प्रदर्शन के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई.
अमेरिका पर लगे आरोप झूठ
अमेरिका पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव, कैरीन जीन पियरे ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ” इसमें हमारी कोई भी भागीदारी नहीं है. कोई भी बात या ऐसी रिपोर्ट बस अफवाह है कि संयुक्त राज्य सरकार इन सबमें शामिल था, इन घटनाओं में यह बिल्कुल झूठ है.” जीन पियरे ने आगे कहा कि बांग्लादेशी लोगों को बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए. यह उनके लिए और उनकी ओर से एक विकल्प है. कोई भी ऐसा आरोप निश्चित रूप से गलत है और बिल्कुल झूठ है कि इस तरह की घटना में अमेरिका का हाथ है.
निगरानी जारी रखेगा अमेरिका
इस बीच, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हाल ही में हुए हमलों के खिलाफ व्हाइट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन पर बोलते हुए व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जीन पियरे ने कहा कि अमेरिका स्थिति की निगरानी जारी रखेगा. मेरे पास इससे आगे कहने या जोड़ने के लिए और कुछ नहीं है. जब यहां किसी भी प्रकार के मानवाधिकार के मुद्दे की बात आती है, तो हमारे राष्ट्रपति सार्वजनिक और निजी तौर पर स्पष्ट रूप से बोलने में बहुत सुसंगत रहे हैं और वह ऐसा करना जारी रखेंगे.
#WATCH | On the protests outside the White House against the recent attacks on Hindus in Bangladesh, White House Press Secretary, Karine Jean Pierre says, “We are certainly going to continue monitoring the situation. I don’t have anything else to say or to add beyond that. When… pic.twitter.com/bDAhUN6mDw
— ANI (@ANI) August 12, 2024
कुगेलमैन ने भी किया था आरोपों को खारिज
बताते चले कि हाल ही में, एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, अमेरिका स्थित विदेश नीति विशेषज्ञ और विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने बड़े पैमाने पर विद्रोह के पीछे विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों का खंडन किया, जिसके कारण शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा. उन्होंने साफ कहा था कि इन दावों का समर्थन करने के लिए किसी तरह का कोई सबूत नहीं मिला है.