ईरान-इजराइल जंग की आंशका के बीच अमेरिका का बड़ा कदम, पश्चिम एशिया के सैन्य अड्डे पर भेजें फाइटर एयरक्राफ्ट

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US News: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास प्रमुख हानिया और हिजबुल्लाह कमांडर की हत्याओं के बाद ईरान और इजरायल युद्ध के कगार पर खड़े हैं. एक ओर ईरान को हमास, हिजबुल्‍लाह और हूतियों का समर्थन प्राप्त है तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका इजराइल का समर्थन कर रहा है. इसी बीच एक ऐसी खबर आई है जो इस्‍लामिक देश ईरान की टेंशन बढ़ाने वाली है. दरअसल, अमेरिका ने यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट विमानवाहक पोत से करीब 12 F/A-18 फाइटर एयरक्राफ्ट पश्चिम एशिया के एक सैन्य अड्डे पर भेजे हैं. यह कदम ईरान और उसके सहयोगियों के संभावित हमलों से इजराइल तथा अमेरिकी सैनिकों को सुरक्षित रखने के पेंटागन के कोशिशों का हिस्सा है.

अधिकारी ने दी जानकारी

इसकी जानकारी अमेरिकी अधिकारी द्वारा दी गई. अधिकारी ने बताया कि 12 F/A-18 fighter aircraft और एक ई-2डी हॉकआई टोही विमान ने ओमान की खाड़ी में अमेरिकी जहाज से उड़ान भरी और वो सोमवार को एक अज्ञात सैन्य अड्डे पर पहुंचे.

कब तक तैनात रहेंगे फाइटर प्‍लेन?

हालांकि ये लड़ाकू विमान सैन्य अड्डे पर कब तक तैनात रहेंगें, इसको स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है. इन फाइटर जेट की तैनाती ऐसे समय में की गई है, जब अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को इराक में एक सैन्य अड्डे पर हुए रॉकेट हमले के बारे में और जानकारियां शेयर की हैं. रॉकेट हमले में पांच अमेरिकी सैनिक सात लोग घायल हो गए थे.

सैन्य मौजूदगी बढ़ाने का आदेश

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी बढ़ाने का आदेश दिया है. अधिकारी लेबनान में हिजबुल्लाह के एक टॉप कमांडर और ईरान में हमास चीफ इस्‍माइल हानिया की हत्या के मद्देनजर पश्चिम एशिया में हिंसा बढ़ने की आशंका को लेकर चिंतित हैं. ईरान और इसके सहयोगी इन हत्याओं के लिए इजराइल को जिम्‍मेदार बता रहे हैं.

अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों पर बढ़े हैं हमले

अधिकारियों के कहा कि हमले के पांच घायलों को अल-असद हवाई अड्डे पर उपचार किया जा रहा है, जबकि दो अन्य को दूसरे जगह ले जाया गया है. हालांकि सभी की हालत स्थिर है. हाल के सप्ताहों में ईरान समर्थित इराकी मिलीशिया ने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों पर फिर से हमले शुरू कर दिए हैं. बता दें कि अमेरिका द्वारा 12 एफ/ए-18 लड़ाकू विमानों और एक ई-2डी हॉकआई टोही विमान को पश्चिम एशिया के सैन्‍य अड्डे पर पहुंचाया जाना ईरान के लिए चिंता का विषय है.

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