US News: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कैबिनेट के अधिकारियों को एक-एक करके चुनना शुरू कर दिया है. इस कार्य में वह बहुत सावधानी बरत रहे हैं और ऐसे व्यक्तित्व को सेलेक्ट कर रहे हैं, जो अमेरिका के लिए जीने मरने को तैयार है. साथ ही जो देश के लिए बड़ा योगदान दिया है. इसी क्रम में डोनाल्ड ट्रंप ने ने अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के निदेशक के लिए एक ऐसे पूर्व खुफिया अधिकारी को चुना है, जिनका नाम अमेरिका के टॉप जासूसों में है और जिनको चीन के लिए “बाज” कहा जाता है.
एक निडर सेनानी होंगे रैटक्लिफ… ट्रंप
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने इसके लिए अपने सबसे करीबी सहयोगी जॉन रैटक्लिफ को चुना है. रैटक्लिफ ट्रंप के पहले कार्यकाल के अंत में भी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक थे. बता दें कि रैटक्लिफ ने मई 2020 के अंत से जनवरी 2021 में ट्रम्प के कार्यालय छोड़ने तक देश के टॉप जासूस के तौर पर कार्य किया था. हाल ही में वह सेंटर फॉर अमेरिकन सिक्योरिटी के सह-अध्यक्ष हैं जो डोनाल्ड ट्रंप के पदों की वकालत करने वाला एक थिंक टैंक है.
ट्रंप ने रैटक्लिफ को चुनते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि जॉन हमारे देश के दोनों सर्वोच्च खुफिया पदों पर सेवा करने वाले पहले व्यक्ति होंगे. वह राष्ट्रीय सुरक्षा के उच्चतम स्तर और ताकत के जरिए शांति सुनिश्चित करते हुए सभी अमेरिकियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए एक निडर सेनानी होंगे.
पूर्व खुफिया अधिकारी रहे हैं रैटक्लिफ
जॉन रैटक्लिफ डोनाल्ड ट्रंप के सबसे विश्वसनीय होने के साथ अमेरिका के पूर्व खुफिया निदेशक रहे हैं. उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल के वक्त काम किया था. प्रतिनिधि सभा के पूर्व सदस्य रैटक्लिफ ने मई 2020 में DNI बनने के लिए अपनी पुष्टिकरण सुनवाई में वादा किया था कि वह इस पद पर “उद्देश्यपूर्ण और समय पर खुफिया जानकारी” देंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि वह ईरानी सेना, उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम और अमेरिकी चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप जैसे अन्य मुद्दों पर पैनी नजर रखेंगे. जब साल 2020 में रिपब्लिकन-बहुमत सीनेट द्वारा रैटक्लिफ को डीएनआई के तौर पर पुष्टि की गई, तो सभी डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने उनके अनुभव की कमी और पक्षपात का हवाला देते हुए उनके नामांकन के खिलाफ वोट दिया था.
चीन के लिए बाज कहे जाते हैं जॉन रैटक्लिफ
अमेरिका के प्रतिद्वंदी चीन के लिए रैटक्लिफ ‘बाज’ कहे जाते हैं. बाज यानि कि जो सबसे हमलावर पक्षी है. बता दें कि हाल ही में उन्होंने मिडिल ईस्ट में राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीतियों की भी कड़ी आलोचना की थी. पिछले साल जून में प्रकाशित एक लेख में, उन्होंने तर्क दिया था कि गाजा में सैन्य कार्रवाइयों को लेकर इज़रायल को हथियारों की खेप रोकने की बाइडेन की धमकी ने एक प्रमुख सहयोगी को खतरे में डाल दिया है.
उन्होंने यह भी कहा था कि प्रशासन ईरान पर पर्याप्त सख्त नहीं था. डीएनआई के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रैटक्लिफ ने खुद को चीन के बाज़ के रूप में भी स्थापित किया. वॉल स्ट्रीट जर्नल में दिसंबर 2020 के एक लेख में रैटक्लिफ ने लिखा कि खुफिया जानकारी स्पष्ट है: बीजिंग आर्थिक, सैन्य और तकनीकी तौर पर अमेरिका और बाकी ग्रह पर हावी होने का इरादा रखता है.
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