US Election 2024: अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाला है. इस चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप दो प्रमुख उम्मीदवार हैं. ऐसे में एक ओर जहां सर्वे में कमला हैरिस बढ़त बनाई हुईं है तो वहीं, स्विंग स्टेट्स में ट्रंप कड़ी टक्कर दे रहे हैं. ऐसे में चुनाव के बाद जो नतीजा सामने आएगा वो काफी चौकाने वाला हो सकता है.
अमेरिका के इस सियासी जंग पर भारत समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुईं हैं. दरअसल, अमेरिका, भारत का एक प्रमुख व्यापारिक और रणनीतिक साझेदार है. ऐसे में चलिए जानते है कि यदि अमेरिका में एक बार फिर ट्रंप सरकार बनती है तो इससे भारत को क्या फायदे हो सकते हैं.
पहला: द्विपक्षीय संबंध होंगे मजबूत
डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर से सत्ता में आने से भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी. दरअसल, ट्रंप के कार्यकाल में भारत के साथ संबंध काफी अच्छे थे. साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का राजकीय दौरा किया जिसके बाद फरवरी 2020 में डोनाल्ड ट्रंप भारत आए. ट्रंप के कार्यकाल में ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसे कार्यक्रम भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों को दर्शाते हैं. वहीं, कई मौकों पर ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री की तारीफ कर उन्हें अपना अच्छा दोस्त बताया है, यही वजह है कि ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तेजी आएगी.
दूसरा: आर्थिक हितों से समझौता नहीं
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच गहरे आर्थिक और रणनीतिक हित हैं, जिनके चुनावी नतीजों के बाद भी समझौता होने की उम्मीद नहीं है. अमेरिका, शीर्ष व्यापारिक साझेदार होने के साथ-साथ एकमात्र ऐसा देश है जिसके साथ भारत का व्यापार सरप्लास है. वहीं, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ने कई देशों को निवेश के लिए आकर्षित किया है. बीते कुछ वर्षों में हमारे देश की आबादी हमारी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है. ऐसे में इतने बड़े बाजार में व्यापार और निवेश का मौका ट्रंप भी नहीं खोना चाहेंगे.
तीसरा: चीन के खिलाफ मजबूत साझेदार
डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनना भू-राजनैतिक नजरिए से भी भारत के लिए फायदेमंद होगा. क्योंकि वह चीन के साथ आक्रामक रुख अपना सकते हैं, जिससे भारत को फायदा मिलने की संभावना है. इसके साथ ही वो ट्रंप भारत के साथ रक्षा और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ा सकते हैं, इससे भारत को केवल आर्थिक तौर पर लाभ ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह काफी अहम साबित होगा.
चौथा: कच्चे तेल के कीमतों में आ सकती है गिरावट
ट्रंप यदि राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह अमेरिका को पेरिस समझौते से बाहर रख सकते हैं. जिससे ऊर्जा कंपनियों को मनचाहे तरीके से काम करने की आजादी मिल सकेगी. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में कमी आने की संभावना है, जो भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
पांचवां: पड़ोसी देशों में कम होगी दखलंदाजी
डोनाल्ड ट्रंप की खस बात ये है कि वो दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के पक्षधर नहीं हैं. उन्होंने ईरान के साथ विवाद के मुद्दे को लेकर भी कहा था कि अमेरिका को अपने अंदरूनी हालातों को संभालना चाहिए. वहीं जो बाइडेन प्रशासन ने भारत के साथ भले ही संबंधों को आगे बढ़ाया हो मगर वह पड़ोसी मुल्कों में काफी दखलंदाजी करता रहा है. चाहे पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिराने का मुद्दा हो या फिर बांग्लादेश में हसीना सरकार का तख्तापलट का, दोनों ही मामलों में अमेरिका की भूमिका संदेह के घेरे में रही है.
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