अमेरिका में H-1B वीजा हासिल करना होगा आसान, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया बड़ा ऐलान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US H-1B visa Program: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन एच-1 बी वीजा प्रोग्राम को लेकर बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, बाइडेन प्रशासन ने विशेष कौशल वाले विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी कार्यक्रम को आसान बना दिया है, जिससे भारतीयों समेत अन्‍य देशों के श्रमिको के लिए अमेरिका में नौकरी पाना आसान हो जाएगा.

बता दें कि एच-1बी गैर-आप्रवासी वीजा कार्यक्रम है, जो अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेष व्यवसायों में अस्थायी रूप से विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है. ऐसे में बाइडन के इस फैसले से एफ-1 छात्र वीजा से एच-1बी वीजा में आसान समायोजन की सुविधा भी मिलेगी, जिससे भारतीयों को काफी अधिक फायदा होगा.

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने की घोषणा

दरअसल, एच-1बी वीजा से जुडें इस फाइनल नियम की घोषणा होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में की है, जो अमेरिकी कंपनियों को कुशल कामगार भरने की क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित होगा. विज्ञप्ति में कहा गया है कि ”नया नियम अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके, नियोक्ताओं को प्रतिभाशाली श्रमिकों को बनाए रखने की अनुमति देता है. साथ ही एच1-बी कार्यक्रम की अखंडता और निगरानी में सुधार करके उसको आधुनिक बनाता है.”

17 जनवरी 2025 से शुरू होंगे आवेदन

यह नियम बाइडेन के पिछले प्रयासों पर आधारित है. ऐसे में  प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिकी व्यवसायों की श्रम संबंधी ज़रूरतें पूरी हों. साथ ही अमेरिका कर्मचारी सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए नियोक्ताओं पर अनुचित बोझ को कम किया जा सके. बता दें कि ऐसे में इस वीजा के लिए आवेदन 17 जनवरी, 2025 से शुरू होंगे. वहीं, इसके आवेदनों के लिए फॉर्म I-129, एक गैर-आप्रवासी श्रमिक के लिए याचिका का एक नया संस्करण आवश्यक होगा, जो नियम की प्रभावी तिथि है.

क्या है नए नियम का उद्देश्य?

हालांकि इससे पहले फॉर्म संस्करणों को स्वीकार करने के लिए में कोई छूट अवधि नहीं थी. ऐसे में यूएससीआईएस जल्द ही नए फॉर्म I-129 संस्करण का एक पूर्वावलोकन संस्करण यूएससीआईएस जीओवी पर प्रकाशित करेगा. इस नए नियम का उद्देश्य विशेष व्यवसायिक पदों के साथ-साथ गैर-लाभकारी और सरकारी अनुसंधान संगठनों के लिए परिभाषा और मानदंडों को आधुनिक बनाकर नियोक्ताओं और श्रमिकों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करना है, जिन्हें एच-1बी वीजा पर वार्षिक वैधानिक सीमा से छूट प्राप्त है.

आवेदनों को संसोधित करने की भी होगी अनुमति

विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘नियम एफ-1 वीजा पर उन छात्रों के लिए कुछ लचीलेपन का विस्तार करता है जो अपनी स्थिति को एच-1बी में बदलना चाहते हैं, जिससे उन एफ-1 छात्रों के लिए वैध स्थिति और रोजगार प्राधिकरण में पैदा होने वाले व्यवधान से बचा जा सके.” वहीं, अंतिम नियम यूएससीआईएस को उन अधिकांश व्यक्तियों के आवेदनों को अधिक तेज़ी से संसोधित करने की अनुमति देगा, जिन्हें पहले एच1बी वीज़ा के लिए अनुमोदित किया गया था. इतना ही नहीं, यह नियम याचिकाकर्ता संगठन में नियंत्रित हित वाले एच-1बी लाभार्थियों को भी उचित शर्तों के अधीन एच-1बी स्थिति के लिए पात्र होने की अनुमति देगा.

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