Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दुनियाभर में इस हमले की कड़ी निंदा की जा रही है. इसी बीच ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ (एनवाईटी) ने हमले को लेकर कुछ ऐसा लिख दिया है, जिसके बाद बवाल मच गया है. यहां तक की अमेरिकी संसद ने भी इसकी आलोचना की है.
अमेरिकी संसद ने लगा दी क्लास
अमेरिकी हाउस के विदेश मामलों की समिति ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ (एनवाईटी) की तीखी आलोचना की. रिपोर्ट में ‘आतंकवादी’ के बजाय ‘चरमपंथी’ और ‘बंदूकधारी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में समिति ने अखबार में इस्तेमाल किए गए शब्दों की निंदा की. समिति ने मूल शीर्षक की एक तस्वीर साझा की. मूल शीर्षक था- ‘कश्मीर में चरमपंथियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मार दी.’ समिति की पोस्ट में ‘चरमपंथियों’ शब्द को लाल रंग से काटकर उस पर ‘आतंकवादियों’ लिखा गया था.
यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था
अमेरिकी समिति ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को टैग करते हुए लिखा, “हमने इसे आपके लिए ठीक कर दिया है. यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था. चाहे वह भारत हो या इजरायल, जब आतंकवाद की बात आती है तो एनवाईटी वास्तविकता से दूर हो जाता है.”
Hey, @nytimes we fixed it for you. This was a TERRORIST ATTACK plain and simple.
Whether it’s India or Israel, when it comes to TERRORISM the NYT is removed from reality. pic.twitter.com/7PefEKMtdq
— House Foreign Affairs Committee Majority (@HouseForeignGOP) April 23, 2025
आतंकियों ने पर्यटकों को बनाया निशाना
आतंकियों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में एक (Pahalgam Terror Attack) लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं. हमले में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. मारे गए लोगों में एक नेपाली पर्यटक भी शामिल है. ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जो पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट में क्या लिखा
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में आतंकवादियों को ‘चरमपंथी’ और ‘बंदूकधारी’ बताते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गोलीबारी की घटना को ‘आतंकवादी हमला’ कहा और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई. इस हमले को महज ‘गोलीबारी’ के रूप में पेश करने पर अमेरिकी सरकार के कई हलकों से कड़ी आपत्ति जताई गई.