US Iran Tension: अमेरिका और ईरान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ईरान को परमाणु कार्यक्रम और यमन में हूती समूह के समर्थन को लेकर धमकियां दे रहे है, जिसका को ईरान भी मुहतोड़ जवाब दे रहा है.
इसी बीच ईरानी संसद के स्पीकर मोहम्मद बाकर गलीबाफ ने ट्रंप की धमकियों का जवाब देते हुए कहा है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो वह सिर्फ ईरान के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए भी खतरनाक साबित होगा.
अमेरिका का कोई भी ठिकाना नहीं रहेगा सुरक्षित
गलीबाफ ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अमेरिका ने ईरान को धमकाना बंद नहीं किया तो उसके सभी ठिकाने, चाहे वो कुवैत, कतर, बहरीन या यूएई में हों सुरक्षित नहीं रहेंगे, वो बारूद के ढेर पर बैठे होंगे.
अमेरिका को बिना कुछ नहीं इजरायल
इसके साथ ही उन्होंने इराक, सीरिया और खाड़ी देशों में अमेरिकी सेना को निशाना बनाने का संकेत दिया, जिससे यह पता चलता है कि ईरान अपनी जमीन से दूर भी अमेरिकी हितों पर हमला करने में सक्षम है. इसके साथ ही उन्होंने इजरायल को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि इजरायल, अमेरिका के समर्थन के बिना, युद्ध में एक हफ्ते भी नहीं टिक पाएगा.
अमेरिका की सैन्य ताकत में इजाफा
दरअसल ईरान का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका हिंद महासागर में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. उसने चार बी-2 बमवर्षक विमानों को डिएगो गार्सिया भेजा है. हालांकि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कड़ा संदेश भी दिया था, जिसके जवाब में ईरान ने अपनी ताकत का एहसास कराया है.
गलीबाफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की ये अपील
ऐसे में गलीबाफ ने कहा कि कोई भी ईरानी राष्ट्र को धमकाने का साहस नहीं कर सकता, और ईरान किसी भी बाहरी हमले का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. गलीबाफ के इस बयान से यह साफ जाहीर होता है कि ईरान अपने देश की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर बेहद गंभीर है. साथ ही गलीबाफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी यह अपील की है कि वो इजरायल के अत्याचारों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाए.
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