US-Iran Tension: सुपर पॉवर कहे जाने वाले देश अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद दुनियाभर में कई देशों के नेताओं की नजर अमेरिका पर बनी हुई है, वहीं, कई नेताओं ने खुले तौर पर अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारने की वकालत की है. इसी बीच हाल ही में ईरान ने बाइडेन प्रशासन को एक संदेश भेजा था, जिसमें कहा गया था कि वो डोनाल्ड ट्रंप को मारने की कोशिश नहीं कर रहे है, क्योंकि वह तेहरान वाशिंगटन के साथ बढ़ते तनाव को कम करने का प्रयास कर रहे हैं.
बता दें कि ईरान ने अमेरिका को यह मैसेज उस वक्त भेजा था जब डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को लेकर बाइडेन ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप के ऊपर हुए किसी भी हमले को “एक्ट ऑफ वॉर” की तरह लेगा.
ईरान ने की प्रतिबंधों की वकालत
अमेरिका की सत्ता में ट्रंप के वापसी के बाद से ईरानी पूर्व अधिकारी, पंडित और मीडिया आउटलेट ईरान और अमेरिका के समझौते की वकालत कर रहे हैं. हालांकि अमेरिका की ओर से इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जबकि ट्रंप के खास एलन मस्क ने ईरानी UN दूत से मुलाकात की है. वहीं, ईरान के कई सहयोगियों ने भी ईरान पर लगे और कड़े प्रतिबंधों की वकालत की है.
ट्रंप को क्यों मारना चाहता है ईरान?
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ईरान साल 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए IRGC कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत की मौत का बदला लेना चाहता है. दरअसल, ईरान का कहना है कि ये हमला ट्रंप के आदेश पर हुआ था. बता दें कि कासिम सुलेमानी को मध्य पूर्व में ईरानी मिलिशिया और प्रॉक्सी बलों संगठित और निर्देशित करने वाला कमांडर बताया जाता है, जिसके कारण वह इजरायल और अमेरिका के निशाने पर थे.
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