Bangladesh Violence: बांग्लादेश की स्थिति पर अमेरिका भी नजर बनाए हुए है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उनका देश बांग्लादेश के मामले में भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ संपर्क में है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय कहा कि अमेरिका चाहता है कि बांग्लादेश में हिंसा समाप्त हो.
दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल दैनिक संवाददाता सम्मेलन में शेख हसीना सरकार को बेदखल किए जाने के बाद बांग्लादेश की स्थिति पर भारत और अमेरिका के बीच संवाद के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘‘हम बांग्लादेश में हिंसा को समाप्त करने, जवाबदेही और कानून के शासन के सम्मान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.’’
भारत समेत अन्य देशों के साथ है संपर्क
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश में हाल की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए अपने भारतीय भागीदारों के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य देशों के संपर्क में हैं.’’ उन्होंने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के उस बयान का भी स्वागत किया जिसमें उन्होंने हिंसा को समाप्त करने और शांति बनाए रखने का आह्वान किया है. ‘‘ हम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा और संरक्षण बहाल करने संबंधी नई सरकारों के फैसलों का स्वागत करते हैं.’’
बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार
इस बीच, ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ ने बुधवार को व्हाइट हाउस से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया. फाउंडेशन ने कहा, ‘‘ताजा खबरों के अनुसार राष्ट्रपति (जो बाइडेन) हमलों की लगातार खबरों के बावजूद बांग्लादेशी हिंदुओं की दुर्दशा पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.’’ फाउंडेशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा ‘‘अभी कार्रवाई की मांग करें! बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चुप्पी अस्वीकार्य है. जान चली गई, घर और मंदिर नष्ट हो गए – फिर भी हमारी अमेरिकी सरकार की ओर से कोई निंदा नहीं की गई.’’
‘बांग्लादेश तालिबान देश होगा’
वाशिंगटन में एनजीओ ‘हिंदू एक्शन’ ने दावा किया कि बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों में हिंदुओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है. एनजीओ ने ‘एक्स’ पर कहा ‘‘उनकी दूर-दराज की स्थिति उन्हें निशाना बनाने के लिए अधिक छूट और समय देती है. अब जबकि मुहम्मद यूनुस नए कार्यवाहक नेता हैं, तो उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय को जमीनी स्तर पर शिक्षा और जागरूकता के लिए काम करना चाहिए जो यह सुनिश्चित करेगा कि देश के मदरसा पाठ्यक्रम और आम सोच से हिंदू विरोधी धारणा हटें’’ इस एनजीओ ने यह भी कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति और उनके सलाहकारों को यह एहसास होगा कि अगर बांग्लादेश अपने आखिरी आठ प्रतिशत हिंदुओं को खो देता है तो वह एक तालिबान देश होगा.’’