US-Pakistan Relation: पाकिस्तान एक ओर जहां आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर अफगान तालिबान ने उसकी नाक में दम कर रखा है. इसी बीच अमेरिका भी बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है. दरअसल अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में एक सांसद द्वारा पाकिस्तान का गैर नाटो सहयोगी का दर्जा खत्म करने के प्रस्ताव वाला विधेयक पेश किया गया है.
विधेयक में पाकिस्तान से की गई हैं ये मांग
रिपब्लिकन सांसद एंडी बिग्स ने संसद में पेश किए गए अपने विधेयक में कहा है कि राष्ट्रपति को तब तक पाकिस्तान को गैर नाटो सहयोगी का दर्जा देने वाला प्रमाणपत्र जारी नहीं करना चाहिए, जब तक पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सैन्य कार्रवाई जारी नहीं रखता है. साथ ही ये भी कहा है कि पाकिस्तानी धरती पर रहकर पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क को अपनी गतिविधियों को चलाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए और पाकिस्तान को अफगान सरकार के साथ मिलकर हक्कानी नेटवर्क की मूवमेंट को बाधित करने के लिए कहा जाना चाहिए.
अमेरिका ने क्यों लिया ये फैसला
बता दें कि अमेरिका ने अल-कायदा और तालिबान से लड़ने के लिए पाकिस्तान को साल 2024 में गैर नाटो सहयोगी का दर्जा दिया था, जिसके तहत पाकिस्तान को अमेरिका से हथियार, हथियार बिक्री प्रक्रिया में छूट और ऋण कार्यक्रम में भी प्राथमिकता मिलती रही है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से अमेरिका द्वारा दिए गए अरबों डॉलर की आर्थिक मदद और आधुनिक हथियार का इस्तेमाल पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने की बजाय उसे पोषित करने और भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस अल-कायदा से लड़ने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से अरबों डॉलर मिले, उसी अल-कायदा का प्रमुख ओसामा बिल लादेन पाकिस्तान से ही पकड़ा गया था और यही वजह है कि अमेरिका पाकिस्तान का गैर-नाटो सहयोगी दर्जा खत्म करने की मांग हो रही है.
साल 2019 में पहली बार पेश हुआ था विधेयक
बता दें कि एंडी बिग्स ने पहली बार जनवरी 2019 में यह विधेयक अमेरिकी संसद के निचले सदन में पेश किया था. हालांकि उसके बाद से यह विधेयक कुछ खास प्रगति नहीं कर सका, जिससे अब तक संसद से पास नहीं हुआ है. ऐस में एक बार फिर से उन्होंने इस विधेयक को पेश किया है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिकी संसद का इस विधेयक पर क्या रूख होता है.
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