US Election: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब कुछ ही महीने के समय बचे हैं. इस बीच यूएस सरकार ने रूस पर बड़ा आरोप लगाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगा है. इसको लकेर बाइडेन प्रशासन औपचारिक घोषणा करेगा, जिसमें रूसी राज्य मीडिया नेटवर्क RT को मुख्य रूप से निशाना बनाया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
दरअसल, बुधवार को ऐसी जानकारी सामने आई, जिसमें कहा गया है कि रूस ने ऑनलाइन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करके अमेरिकी वोटर्स को गलत जानकारी देने की कोशिश की है. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि RT और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए से रूस ने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है.
खुफिया एजेंसियो ने पहले ही किया था अलर्ट
इसको लेकर अमेरिका औपचारिक घोषणा करेगा. इस घोषणा के साथ ही न्याय विभाग की चुनावी टास्क फोर्स भी होगी, जिसमें अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड और FBI के निदेशक क्रिस व्रे शामिल होंगे. इस बैठक में रूस के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जाएगी. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पहले ही ये चेतावनी दी थी कि रूस चुनावी प्रक्रिया में दखल देने के लिए दुष्प्रचार का सहारा ले रहा है. पिछले चुनावों में भी रूस पर इसी तरह के आरोप लगाए गए थे, जिसमें 2016 और 2020 के चुनाव शामिल हैं.
जानिए रूस ने क्या दी प्रतिक्रिया ?
वहीं, रूसी अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका में चुनावों में उनकी कोई रुचि नहीं है. रूस की एक सांसद ने कहा कि ये आरोप बेतुके हैं. RT ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका में चुनावों में उनकी भूमिका को लेकर जो बातें की जा रही हैं, वे हास्यास्पद हैं.
बाइडेन सरकार उठाए कदम
बता दें कि बाइडेन प्रशासन ने ये साफ किया है कि वे रूस के दुष्प्रचार के खिलाफ ठोस कदम उठाने की योजना बना रहे हैं. इसमें नए प्रतिबंधों का भी समावेश हो सकता है. अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूस का लक्ष्य अमेरिकी मतदाताओं के बीच भ्रम फैलाना और चुनाव परिणामों को प्रभावित करना है.