US News: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एक बार फिर मिस्र दौरे पर जा रहे हैं. हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम और बंदियों की रिहाई को लेकर ये उनका 10 वां मिडिल ईस्ट दौरा है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि हम मिडिल ईस्ट में अपने साझेदारों, खासकर कतर और मिस्र के साथ इस बारे में बातचीत जारी रखेंगे कि प्रस्ताव में क्या-क्या शामिल होगा और यह सुनिश्चित करने का प्रयत्न करेंगे कि ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए जिस पर दोनों पक्ष सहमत हो जाए. बता दें कि अमेरिका, मिस्त्र और कतर कई महीनों से गाजा सीजफायर और बंधकों की रिहाई करने के लिए समझौता कराने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन अभी तक वे अपने प्लान में कामयाब नहीं हो पाए हैं.
क्यों मिस्त्र दौरे पर जा रहे अमेरिकी विदेश मंत्री?
हालांकि मैथ्यू मिलर ने इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि ये नया समझौता कब तक पेश होगा, लेकिन संकेत दिए कि जल्द ही नए प्रस्ताव पर बातचीत शुरू होगी. ब्लिंकन के इस मिडिल ईस्ट दौरे में इजरायल की यात्रा शामिल नहीं है. अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि ब्लिंकन ऐसी समझौते पर पहुंचने की कोशिशों पर बातचीत करेंगे, जो सभी कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करेगा, फिलिस्तीनियों की पीड़ा को कम करेगी और व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा कायम करने में मदद करेगी.
पिछला समझौता हुआ था फेल
बता दें कि अगस्त में मिस्र में हुई शांति वार्ता के दौरान दो सबसे बड़ी बाधाएं सामने आए थी. इजरायल की मांग थी कि वह गाजा और मिस्र के बीच बफर बनाए रखने के लिए फिलाडेल्फिया कॉरिडोर में अपनी सेना तैनात करेंगा और इजरायल की ओर से बंधक बनाए गए फिलिस्तीनी बंदियों के बदले बंधकों की अदला-बदली की खास शर्तें. जिनको मानने से हमास ने इनकार कर दिया था. साथ ही हमास ने इन शर्तों को समझौता न करने के लिए इजरायल का बहाना बताया था. हमास का कहना है कि युद्धविराम के लिए इजरायल को गाजा से पूर्ण रूप से अपनी सेनाएं हटानी होगी.
यात्राओं और चर्चाओं से नहीं रूक रहा युद्ध
मालूम हो कि पिछले 10 महीनों से ही इजरायल और हमास के बीच समझौता कराने और गाजा युद्ध रुकवाने को लेकर चर्चा की जा रही है. अमेरिका मिस्त्र और कतर की मध्यस्थता में कई बार शांति वार्ता हो चुकी है, लेकिन जंग थमने के बजाए क्षेत्र में बढ़ती ही जा रही है. गाजा के अलावा लेबनान बॉर्डर, यमन, सीरिया और इराक में भी तनाव का माहौल है. आए दिन इजरायल और अमेरिका से जुड़े ठिकानों और एसिस्ट्स पर हमले किए जा रहे हैं, वहीं इजरायल और अमेरिका भी विद्रोही गुटों पर जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें :- मातम में बदला जन्मदिन का जश्न! कनाडा में झील में डूबने से भारतीय छात्र की मौत, आखिरी पलों का वीडियो आया सामने