US Trade war: लगातार टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब उसे लागू करना भी शुरू कर दिया है. दरअसल, ट्रंप ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर सभी इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि टैक्स बढ़ाने से अमेरिकी कारखानों में नौकरियों के सृजन में मदद मिलेगी, लेकिन उनके उतार-चढ़ाव भरे शुल्क खतरों ने अमेरिकी शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया है और आर्थिक मंदी की आशंकाएं बढ़ा दी हैं.
कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अलग-अलग शुल्क
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने धातुओं पर अपने साल 2018 के शुल्क से सभी छूटों को हटा दिया और एल्युमीनियम पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ा दिया. हालांकि, अमेरिका ने कनाडा मेक्सिको पर अलग अलग शुल्क लगाए हैं. इसके साथ ही 2 अप्रैल से यूरोपीय संघ, ब्राजील और दक्षिण कोरिया से आयात पर भी ‘जवाबी’ दरों पर कर लगाने की योजना बनाई है.
अमेरिका की सबसे बड़ी जीत…
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को कारोबारी गोलमेज सम्मेलन में विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से कहा कि शुल्क के वजह से कंपनियां अमेरिकी कारखानों में निवेश कर रही हैं. वहीं, वृद्धि में गिरावट की आशंका के चलते पिछले महीने एसएंडपी 500 शेयर सूचकांक में आठ प्रतिशत की गिरावट से उनका मनोबल गिरने की संभावना नहीं है, क्योंकि ट्रंप ने तर्क दिया कि कारखानों को वापस लाने में उच्च शुल्क दरें अधिक प्रभावी होंगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि यह जितना अधिक ऊपर जाएगा, उतनी ही अधिक संभावना है कि वे निर्माण करेंगे. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी जीत यह होगी कि वे हमारे देश में आएं और नौकरियां पैदा करें. यह शुल्क से भी बड़ी जीत है, लेकिन शुल्क से इस देश को बहुत सारा पैसा मिलने वाला है.
25% की दर पर ही बने रहने का निर्णय
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने सम्मेलन के दौरान कनाडा से आयातित इस्पात और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी, लेकिन ओंटारियो प्रांत द्वारा मिशिगन, मिनेसोटा और न्यूयॉर्क को बेची जाने वाली बिजली पर अधिभार लगाने की योजना को स्थगित करने के बाद उन्होंने 25 प्रतिशत की दर पर ही बने रहने का फैसला किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मायनों में अपने पहले कार्यकाल के कामों को अधूरा मान रहे है. दरअसल, ट्रंप ने पहले भी शुल्क में सार्थक वृद्धि की, लेकिन संघीय सरकार द्वारा एकत्र किए गए राजस्व समग्र मुद्रास्फीति दबावों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए बहुत कम थे. ऐसे में इस्पात और एल्युमीनियम पर ट्रंप के 2018 शुल्क छूट से कम हो गए थे.
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