US Treasury Department: अमेरिका में हाल ही में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है. वहीं, रूस और ईरान की संस्थाओं पर इस चुनाव में गलत जानकारियों का फैलाने का आरोप लगाया गया है, जिसके चलते यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेजरी ने ईरान और रूस की संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अमेरिकी ट्रेजरी का कहना है कि हमने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की सहायक कंपनी और रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी के एक सहयोगी पर चुनाव के दौरान सामाजिक-राजनीतिक तनाव को भड़काने और अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास में प्रतिबंध लगाया है. साथ ही इन संस्थानों पर आरोप है कि उन्होंने फेक न्यूज वेबसाइट के माध्यम से बलत सूचना फैलाने के लिए एआई टूल इस्तेमाल किया. वहीं, उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर भी निराधार आरोप लगाए गए.
हमारे लोकतंत्र को कमजोर करेगी गलत सुचनाएं
ट्रेजरी के कार्यवाहक अवर सचिव ब्रैडली स्मिथ ने बताया कि ईरान और रूस की सरकारों ने हमारी चुनाव प्रक्रियाओं और संस्थानों के निशाना बनाया है और गलत सूचनाएं फैलाकर अमेरिका के लोगों को बांटने की कोशिश की है. अमेरिका उन विरोधियों के खिलाफ सतर्क रहेगा, जो हमारे लोकतंत्र को कमजोर करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेजरी ने अलेक्जेंडर डुगिन की ओर से फंडिंग किए जाने वाले रूसी समूह सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस पर प्रतिबंध लगाए है, जो रूस की खुफिया सैन्य सेवा के साथ काम करती है.
बनाया 100 वेबसाइटों का एक नेटवर्क
संस्था पर आरोप है कि रूस की खुफिया सैन्य सेवा ने राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस को निर्देश और वित्तीय सहायता दी. जबकि गलत सूचनाओं को फैलाने के लिए सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस ने 100 वेबसाइटों का एक नेटवर्क बनाया और झूठी सूचनाएं फैलाईं. इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने एआई का भी इस्तेमाल किया. ट्रेजरी का कहना है कि ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की सहायक कंपनी काग्निटिव डिजाइन प्रोडक्शन सेंटर पर भी प्रतिबंध लगाया गया.
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