US-Ukraine Relations: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप यूक्रेन के खिलाफ एक के बाद सख्त एक्शन ले रहें है, इसी कड़ी में अब संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करना अस्थायी रूप से रोक दिया है, जिससे महत्वपूर्ण जानकारी का प्रवाह बाधित हो गया है. दरअसल, अमेरिका द्वारा दी जा रही जानकारियां रूसी सेनाओं के खिलाफ कीव की रक्षा में सहायक रही है.
हालांकि इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन को अमेरिकी सहायता को ‘रोकने’ का निर्देश दिया था, क्योंकि वह रूस के साथ शांति वार्ता में शामिल होने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर दबाव डालना चाहते हैं.
क्या है अमेरिका का मकसद?
जानकारों का मामना है कि यह निलंबन यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की शांति प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप की चिंताओं से उपजा है. दरअसल, सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने बताया कि इस विराम के पीछे अमेरिका का मकसद कीव को मास्को के साथ बातचीत में अधिक ईमानदारी से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना है.
यूक्रेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर करेंगे काम
रैटक्लिफ ने इस उपाय की अस्थायी प्रकृति के बारे में आशावाद व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हम यूक्रेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे, जिससे वहां मौजूद आक्रामकता को पीछे धकेला जा सके. वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने इस भावना को दोहराया, और इस ओर इशारा किया कि अमेरिका “इस रिश्ते के सभी पहलुओं को रोक रहा है और समीक्षा कर रहा है” लेकिन उम्मीद है कि निलंबन संक्षिप्त होगा.
यूक्रेन के लिए अमेरिकी खुफिया सहायता महत्वपूर्ण
सीआईए निदेशक ने निलंबन को “विराम” बताते हुआ कहा कि अमेरिका ने फैसला हाल ही में व्हाइट हाउस में ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुए नोकझोक के बाद लिया गया है. रैटक्लिफ के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ये जानना चाहते थे कि ज़ेलेंस्की शांति को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि सैन्य मोर्चे और खुफिया मोर्चे पर, वह ठहराव दूर हो जाएगा जिसने ऐसा होने की अनुमति दी थी, और मुझे लगता है कि हम यूक्रेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रूसी सेना की गतिविधियों पर नज़र रखने और लक्ष्यों का चयन करने के लिए यूक्रेन के लिए अमेरिकी खुफिया सहायता महत्वपूर्ण है.
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