इस महाद्वीप का सबसे बड़ा खतरा रूस और चीन नहीं, बल्कि… यूरोपीय देशों पर भड़के अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US Vice-President on European Allies: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन यूरोपीय नेताओं की आलोचना की, जिन्‍होंने लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का काम किया है. जेडी वेंस ने कहा है कि “इस महाद्वीप का सबसे बड़ा खतरा रूस और चीन नहीं, बल्कि इसके अंदर से ही है.”

रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी को दक्षिणी जर्मनी में आयोजित म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए होने वाली संभावित वार्ता पर चर्चा करने वाले थे. लेकिन उन्‍होंने मुख्‍य रूप से अपने सिद्धांतों को नजरअंदाज करने और मतदाताओं के फ्री स्पीच और माइग्रेशन की चिंताओं को लेकर यूरोपीय सरकारों की आलोचना की, जिसमें ब्रिटेन भी शामिल था.\

हेट स्पीच और गलत जानकारी फैलाना कम्युनिस्ट सरकारों का काम

अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि सोशल मीडिया पर हेट स्पीच और गलत जानकारी के फैलाने का प्रयास करना मुक्त समाजों के बजाए कम्युनिस्ट सरकारों का काम है. उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र के दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव को घेरने के लिए जर्मनी का किया गया प्रयास अलोकतांत्रिक है. इसके साथ ही उपराष्‍ट्रपति ने रोमानिया के राष्ट्रपति चुनाव को रद्द करने वाले कोर्ट के विवादस्पद फैसले की भी आलोचना की और यूरोपीय चुनावों में रूप से हस्तक्षेप की रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया.

कॉन्फ्रेंस में मौजूद यूरोप के लोगों की वेंस ने की आलोचना

बता दें कि बवारिया में आयोजित वार्षिक सुरक्षा सम्‍मेलन काफी लंबे समय के बाद से ट्रांस अटलांटिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करता रहा है. इससे वॉशिंगटन के अधिकारियों को अपने यूरोपीय काउंटरपार्ट्स के साथ चर्चा करने और जानकारी साझा करने में मदद मिलती है, लेकिन अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने यूक्रेन युद्ध की चर्चा न कर यूरोप के उपस्थित लोगों की आलोचना करने की अलग नीति अपनाई.

वेंस के संबोधन के बाद हॉल में छा गई शांति

वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के संबोधन के बाद हॉल में हर तरफ शांति छा गई. वहीं, कुछ देर बाद कॉन्फ्रेंस में मौजूद कुछ नेताओं ने इस बात की निंदा भी की. इस बीच जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्तोरियस ने कहा, “इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.”

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