America New Policy: अमेरिका में स्थायी निवास और वीजा पाने की चाहत अब आसान नहीं होने वाली है. अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने इसे लेकर बुधवार को नए नियम लागू किए है. अधिकारियों ने ऐलान किया है कि वे सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करेंगे और उन लोगों को वीजा या ग्रीन कार्ड नहीं दिया जाएगा जो राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन द्वारा यहूदी विरोधी मानी जाने वाली सामग्री पोस्ट या शेयर करेंगे. यानी सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन, हिजबुल्लाह या हमास का समर्थन करना अब भारी पड़ने वाला है.
तत्काल प्रभाव से लागू होगी नीति
होमलैंड सुरक्षा विभाग की शाखा, यूएस नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने कहा है कि यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और छात्र वीजा आवेदनों के साथ ही स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) अनुरोधों पर भी लागू होगी. USCIS के मुताबिक, हमास, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूतियों का समर्थन करने वाली पोस्ट को यहूदी विरोधी सामग्री माना जाएगा. वीजा आवेदन प्रक्रिया में इसे एक नकारात्मक कारक माना जाएगा.
‘अमेरिका में आतंकी समर्थकों के लिए जगह नहीं‘
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की असिस्टेंट सेक्रेटरी फॉर पब्लिक अफेयर्स ट्रिसिया मैकलॉफलिन ने कहा कि दुनियाभर के आतंकी समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है. हमारे ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं है कि हम उन्हें देश में आने दें या यहां रहने दें. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी शख्स जो सोचता है कि वह अमेरिका आ सकता है और यहूदी विरोधी हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हुए रह सकता है तो फिर से सोच लें, यहां आपका स्वागत नहीं है.”
खलील का सबसे चर्चित मामला
बीते माह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि 300 से अधिक लोगों के वीजा रिजेक्ट किए गए हैं और यह प्रक्रिया रोजाना जारी है. 27 मार्च को रुबियो ने कहा था कि जब भी मुझे इनमें से कोई पागल मिलता है, मैं उसका वीजा छीन लेता हूं. सबसे चर्चित मामलों में से एक महमूद खलील का मामला है, जो फिलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता हैं और उसने पिछले साल न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. मूलरूप से सीरिया के रहने वाले और अल्जीरियाई नागरिक खलील ने 2022 में छात्र वीजा पर अमेरिका में एंट्री ली थी और 2024 में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था.
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