US Vs China: अमेरिका और चीन के बीच घातक जंग की आहट ने दुनियाभर में खलबली मचाना शुरू कर दिया गया है. दरअसल, हाल ही में चीन की विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से फोन पर बातचीत की थी, इस दौरान उन्होंने अमेरिका को जद में रहने की नसीहत देने का दावा किया था. वहीं, अब अमेरिका के विदेश मंत्री के हमलावर तेवर ने सबके होश उड़ा दिए हैं.
बता दें कि ट्रंप की कैबिनेट में विदेश मंत्री रुबियो ने चीन को अमेरिका के लिए एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बताया है. साथ कहा है कि 21वीं सदी का इतिहास मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच घटित घटनाओं पर आधारित होगा. रूबियों का यह बयान अमेरिका और चीन के बीच टकराहट की आशंका को जाहिर करने वाला है.
21वीं सदी में बनेगा इतिहास
रुबियो ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच 21वीं सदी में जो कुछ होगा वह इतिहास बनेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री के बयान से जाहिर होता है कि चीन की दादागिरी के खिलाफ अब ट्रंप सरकार के तेवर बेहद सख्त होने वाले हैं. रूबियो ने गुरुवार को दिए गए अपने एक इंटव्यू में कहा कि “चीन दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता है और वो ऐसा हमारी कीमत पर करना चाहते हैं, जो की हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं है और हम इस पर ध्यान देने जा रहे हैं.
अमेरिका के रहते चीन नहीं होने पाएगा नंबर वन
मार्को रुबियो ने इस दौरान स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका, चीन की महत्वाकांक्षा को पूरी नहीं होने देगा. हम इस पर युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन हम इस पर गौर करने जा रहे हैं. चीन के मामले में दो बातें हैं. एक तो वे हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं; और दूसरी यह परिपक्व अहसास है कि चाहे कुछ भी हो जाए, चीन एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बनने जा रहा है, ऐसे में अमेरिका को इससे निपटना होगा.
उन्होंने जोर देकर कहा कि “21वीं सदी का इतिहास मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच हुई घटनाओं पर आधारित होगा. ऐसे में हमारा यह दिखावा करना कि हम किसी भी तरह से उनके साथ बातचीत नहीं करने जा रहे हैं, बेतुका है.”
अमेरिका देगा राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता
इस दौरान रुबियो ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल देने के साथ ही वर्षो पुरानी अमेरिकी नीतियों की भी आलोचना की. दरअसल इन नीतियों के तहत चीन को एक विकासशील देश माना गया और उसे यह मानकार उसे अनुचित व्यापार और प्रौद्योगिकी प्रथाओं का फायदा उठाने दिया गया कि वह अमेरिकी मूल्यों को अपना लेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चीन बिना किसी बदलाव के समृद्ध होता गया और अभी भी इन लाभों की तलाश कर रहा है, जिसे अब रोकना होगा.
अमेरिका अब चीन से छीनेगा पनामा नहर
उन्होंने कहा कि विश्व को लेकर चीन का मानना है कि वो 2035 या 2050 तक निश्चित रूप से विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बन जायेंगे. रुबियों ने कहा कि चीन वास्तव में एक बड़ी अर्थव्यवस्था वाली महान शक्ति है और वह वैश्विक शक्ति बनेगा, लेकिन यह अमेरिका की कीमत पर कभी नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि जब आप चीन जैसी महान शक्तियों के साथ काम कर रहे हैं, तो यह उनके राष्ट्रपति और हमारे राष्ट्रपति के उच्चतम स्तर पर होगा.”
वहीं, एक सवाल के जवाब में रूबियो ने कहा कि अमेरिका चीन को पनामा नहर पर नियंत्रण नहीं करने देगा. हम किसी भी विदेशी ताकत- खासकर चीन को इस तरह का संभावित नियंत्रण रखने की अनुमति नहीं दे सकते, जैसा कि वे कर रहे हैं. ऐसा जारी नहीं रह सकता.