USA: अमेरिका अब चीन को घेरने की रणनीति बना रहा है. जिसके लिए अमेरिका ने अप्रैल में जापान और फिलीपींस के साथ मिलकर एक त्रि-पक्षीय सम्मेलन का आयोजन किया था. इस सम्मेलन से एक नया संगठन बना है, जिसे SQUAD नाम दिया गया है. इस संगठन में अमेरिका, जापान, फिलीपींस के साथ ही ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है.
USA: क्वाड की अहमियत अभी भी ज्यादा
वहीं विदेश मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही अमेरिका ने फिलीपींस, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर नया संगठन बना लिया है, लेकिन अभी भी भारत की सदस्यता वाले क्वाड संगठन की अहमियत अधिक है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों नई दिल्ली में होने वाला क्वाड सम्मेलन टल गया था. इसके साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन, इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से भारत का अनुपस्थित रहना, रूस के साथ एस-400 की डील और ईरान के चाबहार बंदरगाह की डील ऐसी चीजें रहीं, जिसके कारण अमेरिका भारत से नाराज रहा. ऐसे में माना जा रहा है कि यही वजह है कि क्वाड कमजोर हुआ.
फिलीपींस की तुलना में भारत बड़ी ताकत
बता दें कि जेएनयू के विदेश मामलों के जानकार प्रोफेसर मिश्रा ने कहा है कि भले ही स्कवाड संगठन अभी प्रभावी दिख रहा है, लेकिन इसका प्रभाव क्षेत्र विशेष तक सीमित है. वहीं भारत की सदस्यता वाले क्वाड संगठन का प्रभाव पूरे हिंद प्रशांत महासागर पर दिख सकता है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, यहां दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है.
इसके साथ ही सैन्य तौर पर भारत के एक बड़ी ताकत है. लद्दाख में भारत ने जिस तरह से चीन को सीमा विवाद में मुंहतोड़ जवाब दिया है, उससे भी यह स्पष्ट होता है कि चीन को घेरने में जो भूमिका भारत निभा सकता है, वो फिलीपींस कभी नहीं कर सकता. इसीलिए स्वाड की तुलना में क्वाड को ज्यादा अहम माना जा रहा है.
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