USAID मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी बयान सामने आया है. जयशंकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी वास्तव में चिंताजनक है और भारत सरकार इसकी जांच कर रही है. विदेश मंत्री ने ये बाते श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में आयोजित डीयू साहित्य महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल से बातचीत के दौरान कही.
ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी चिंता का विषय
हाल ही में सुर्खियों में रहे ‘USAID ’ के मुद्दों को लेकर सान्याल द्वारा पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि “मुझे लगता है कि ट्रंप प्रशासन के लोगों द्वारा कुछ जानकारी सामने रखी गई है, जो काफी चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि ऐसी गतिविधियां हैं जिनका एक निश्चित उद्देश्य है किसी विमर्श या दृष्टिकोण को बढ़ावा देना.
सद्भावनापूर्ण गतिविधियों की दी गई थी इजाजत
विदेशमंत्री ने कहा कि एक सरकार के रूप में, हम इसकी जांच कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे संगठनों का दायित्व है कि वे जानकारी दें. और, मेरा मानना है कि तथ्य सामने आएंगे. मैंने पढ़ा, फलां व्यक्ति ने यूएसएड के साथ काम किया. ऐसे में सवाल ये नहीं है कि आपने यूएसएड के साथ काम किया या नहीं, यूएसएड को अनुमति दी गई थी. यह ऐतिहासिक रूप यहां काम करता रहा है. लेकिन, यूएसएड को सद्भावनापूर्ण गतिविधियों की अनुमति दी गई थी.”
कुछ गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण थीं
एस जयशंकर ने कहा कि अब अमेरिका से यह संकेत मिल रहे हैं कि कुछ गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण थीं. इसलिए इस पर निश्चित रूप से गौर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है तो मेरा मानना है कि देश को पता होना चाहिए कि दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में कौन लोग शामिल हैं.”
डोनाल्ड ट्रंप ने किया था खुलासा
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) द्वारा दिए गए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वित्त पोषण पर सवाल उठाया था. साथ ही उन्होंने ये सवाल किया था कि क्या किसी और को चुनाव जिताने के प्रयास के तहत ऐसा किया गया.
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