USAID Funding in India: भारत के विदेश मंत्रालय ने यूएसएआईडी की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि अमेरिकी प्रशासन ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) से संबंधित जो जानकारी दी है, उसकी जांच संबंधित विभाग और एजेंसियां कर रही हैं.
दरअसल, अमेरिकी प्रशासन ने यूएसएआईडी की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द कर दी, जिसके बारे में उनका दावा है कि इसका इस्तेमाल भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किया गया.
ये बहुत परेशान करने वाली बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा कि हमने अमेरिकी प्रशासन की तरफ से यूएसएआईडी की कुछ गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है, जो स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली हैं.
विदेशी हस्तक्षेप को लेकर बढ़ी चितांए
उन्होंने कहा कि इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं. फिलहाल, संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं. जायसवाल ने कहा कि अस मामले में अभी कोई सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इस मामले को लेकर कोई अपडेट दे पाएंगे.
भारत को बतानी होगी ये बात
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढा़ने के लिए यूएसएआईडी के माध्यम से 21 मिलियन डॉलर खर्च करने के पीछे बाइडेन प्रशासन की मंशा पर बार-बार सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हमें भारत में मतदान पर 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की क्या ज़रूरत है? मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे. हमें भारत सरकार को बताना होगा, यह एक बड़ी सफलता है.
हालांकि इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (डीओजीई) के उस कदम का समर्थन किया था, जिसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द करने का फैसला किया गया.
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