Vehicles Charging Road: यूरोप महाद्वीप में स्थित देश नार्वे ने एक नई तकनीक पेश की है, जिसमें रोड खुद वाहनों को चार्ज कर सकती हैं. जी हां नॉर्वे ने वायरलेस चार्जिंग रोड्स के जरिए एक नई क्रांति की शुरुआत की है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य को पूरी तरह बदल सकती है. नार्वे ने इस तकनीकी शुरुआत हो चुकी है. उम्मीद है कि जल्द ही भारत में भी इस तकनीक की शुरुआत होगी.
वायरलेस चार्जिंग रोड्स एक ऐसा आविष्कार है जो हमारे जीवन को और भी सुविधाजनक और आसान बना सकता है. नार्वे दुनिया का इकलौता देश है जिसने एक वायरलेस चार्जिंग रोड स्थापित की है. इस रोड पर चलते समय इलेक्ट्रिक वाहन बिना किसी केबल के ही चार्ज हो जाएंगे, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में इजाफा होगा.
इस तरह काम करती है यह तकनीक
यह टेक्नोलॉजी काफी सरल है. इसके लिए रोड के नीचे कॉइल्स लगाए जाते हैं, जो चुंबकीय क्षेत्र पैदा करते हैं. जब इलेक्ट्रिक वाहन इस सड़क पर चलता है, तो उसके नीचे लगे कॉइल्स इस चुंबकीय क्षेत्र से ऊर्जा लेकर बैटरी को चार्ज कर देते हैं
इसका लाभ
इस तकनीक के वजह से अब आपको चार्जिंग स्टेशन खोजने की आवश्यकता नहीं होगी. कार सड़क पर चलते-चलते ही चार्ज हो जाएगी. इससे बैटरी काफी तेज गति से चार्ज हो सकती है. यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल है. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लोकप्रियता में वृद्धि होगी.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति
भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी है और चार्जिंग स्टेशनों को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. हालांकि, अभी भारत में वायरलेस चार्जिंग रोड्स का निर्माण नहीं हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, केरल सरकार अगले फाइनेंशियल ईयर में वायरलेस ईवी चार्जिंग सिस्टम शुरू करने जा रही है, जिसमें वाहन चलते-चलते चार्ज होते रहेंगे.
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