Vietnam: पूर्वी एशियाई देश वियतनाम में बाड़े में बंद दर्जनों बाघों और शेरों की मौत हो गई है. इसकी पुष्टि वियतनाम के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से सरकारी मीडिया ने की है. इतनी बड़ी संख्या में जानवरों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. मरने वाले शेरों और बाघों के पोस्टमॉर्टम में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. एक बयान में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डोंग नाई प्रांत के मैंगो गार्डन रिसॉर्ट में मृत बाघों से लिए गए दो सैंपल में बर्ड फ्लू के H5N1 स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. पिछले महीने की शुरुआत से रिसॉर्ट में 20 बाघों की मौत हो गई है.
27 बाघ और 3 शेरों की मौत
राज्य मीडिया ने प्रांतीय कृषि अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि पड़ोसी लॉन्ग आंन प्रांत में, 6 से 18 सितंबर के मध्य माई क्विन सफारी पार्क में बर्ड फ्लू से 3 शेर और 27 बाघों की मौत हो चुकी है. बता दें कि पूरी दुनिया में कुत्तों, गायों, बिल्लियों और यहां तक कि डॉल्फिन समेत स्तनधारियों में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा के फैलने से इनके संभावित इंसानों से इंसानों में संक्रमण के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. एवियन इन्फ्लूएंजा को आमतौर पर बर्ड फ्लू के तौर पर जाना जाता है.
मरने से पहले खिलाया गया था चिकन
डोंग नाई प्रांत के रोग नियंत्रण केंद्र के अधिकारी फान वान फुक ने स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा कि मैंगो गार्डन रिसॉर्ट में बाघों को मरने से पहले चिकन खिलाया गया था. बयान में फान वान फुक के हवाले से कहा गया है कि संभावना है कि बाघ बीमार चिकन से संक्रमित हुए हों और अधिकारी चिकन के सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इसका कारण का पता लगाया जा सके.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने अपनी वेबसाइट पर एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप वाले क्षेत्रों से कच्चे या अधूरे पके हुए मांस और अंडे खाने के खिलाफ चेतावनी दी है, क्योंकि इससे संक्रमण का जोखिम अधिक है. एवियन इन्फ्लूएंजा दशकों से समय-समय पर अलग-अलग देशों में पैर पसारता रहा है. इस वजह से बड़े पैमाने पर पोल्टी को मार दिया जाता है.
वन्यजीव संरक्षण पर खड़े हो रहे सवाल
वन्यजीव संरक्षण पर काम करने वाली एनजीओ “एजुकेशन फॉर नेचर वियतनाम” (ENV) ने कहा कि पिछले साल के अंत तक वियतनाम में कुल 385 बाघ कैद में थे. इनमें से लगभग 310 बाघ निजी फार्मों और चिड़ियाघरों में हैं, जबकि बाकी राज्य के स्वामित्व वाली सुविधाओं में हैं. बाघों और शेरों की मौत की घटना वन्यजीव संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.
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