Vivek Ramaswamy: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में कुछ दिन ही शेष बचे है. इसी बीच भारतीय-अमेरिकी व्यावसायी विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले होने वाले मतदान के प्रावधान का विरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में भी भारतीय चुनावी प्रकिया जैसे मतदान की मांग की है.
रामास्वामी ने गुरुवार को भारत जैसे चुनावी प्रकिया की मांग करते हुए कहा कि अमेरिका में देशभर में एक ही दिन मतदान होने चाहिए और चुनाव से पहले मतदाताओं का पहचान पत्र बनवाना अनिवार्य होना चाहिए. हालांकि इससे पहले उन्होंने ये भी कहा कि हम चुनावी नियमों में बदलाव करने जा रहे है, जो सरकार को पहलें ही कर देना चाहिए था.
चुनाव और प्रचार चलता है साथ-साथ
बता दें कि अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है, लेकिन अमेरिकी चुनावी प्रक्रिया के तहत वहां के लोग चुनाव की मुख्य तारीख से करीब 4 हफ्ते पहले से ही अपना वोट डाल सकते हैं. जिसे अर्ली-वोटिंग कहा जाता है. ऐसे में चुनाव प्रचार और वोटिंग दोनों ही प्रक्रिया साथ-साथ चलती रहती है. जबकि भारत में वोटिंग से करीब 36 घंटे पहले प्रचार अभियान थम जाता है. हालांकि भारत में अमेरिका की अपेक्षा अधिक आबादी होने की वजह से वहां कई चरणों में मतदान कराए जाते है.
रामास्वामी ने किया Early Voting का विरोध
दरअसल, कारोबारी से नेता विवेक रामास्वामी ने ट्रंप के एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपसे ईमानदारी से ये बात कहता हूं, मुझे अर्ली वोटिंग कभी भी पसंद ही नहीं थी. मैं एक ही दिन होने वाले वोटिंग पर विश्वास करता हूं. उनका मानना है कि लोगों को राष्ट्रीय अवकाश के दिन पेपर बैलेट के जरिए वोट डालना चाहिए और इसके लिए सरकार को वोटर लिस्ट से मिलान कर लोगों को पहचान पत्र जारी करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि डोनाल्ड ट्रंप भी इसी व्यवस्था पर विश्वास करते हैं.
कौन हैं विवेक रामास्वामी?
विवेक रामास्वामी अमेरिका में भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी है, जो पिछले साल रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में शामिल हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की दावेदारी का समर्थन करते हुए अपना नाम वापस ले लिया था.