अपने ही वैज्ञानिकों को सलाखों के पीछे भेज रहा रूस, वजह जान हो जाएंगे हैरान!

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

International News: रूस का हमेशा से दावा रहा है कि उसके पास ऐसे हथियार है जिनकी गति ध्वनि के रफ्तार से भी पांच गुना ज्यादा है. इस बात का जिक्र कई बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया है. रूस ऐसा अकेला राष्ट्र है जो हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित करने में विश्व के देशों का प्रतिनिधित्व करता रहा है. इन सब के बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रूस में विज्ञान पर काम करने वाले कई वैज्ञानिकों को गिरफ्तार कर के जेल भेज रहा है. इन वैज्ञानिकों पर राजद्रोह का आरोप लगाकर जेल में भेजा जा रहा है.

कई वैज्ञानिकों को रूस ने सलाखों के पीछे भेजा

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार जिन वैज्ञानिकों पर राजद्रोह का आरोप लगाकर जेल में भेजा गया है, उनमें अधिकतर बूढ़े हैं. गिरफ्तार किए गए कुछ वैज्ञानिकों की पिछले दिनों में मौत भी हो गई है. 12 में से एक वैज्ञानिक तो कैंसर के आखिरी स्टेज जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था, इसके बाद उसको अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई है. साल 2015 के बाद से अभी तक रूस12 भौतिकविदों वैज्ञानिकों को गिरफ्तार कर के जेल भेज चुका है.

वैज्ञानिकों पर लगाए गए ये गंभीर आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिन भी वैज्ञानिकों को गिरफ्तार किया गया है, उन सभी पर राजद्रोह का आरोप लगा है. सबसे खास बात तो यह है कि साल 2015 से अब तक गिरफ्तार किए गए ये सभी 12 वैज्ञानिक किसी न किसी रूप में हाइपरसोनिक तकनीक पर काम करने या इससे संबंधित संस्थानों से जुड़े थे. रूस ने इन वैज्ञानिकों पर सीक्रेट दस्तावेजों को दूसरे देशों को देने का आरोप लगाया. इस आरोप के साथ सभी वैज्ञानिकों पर राजद्रोह का आरोप लगा है.

आपको जानना चाहिए कि रूस में राजद्रोह के मुकदमों को लेकर कुछ अलग नियम हैं. यहां पर बंद दरवाजों के पीछे से राजद्रोह के मुकदमें चलाए जाते है. इस वजह से यह कोई नहीं स्पष्ट कर सका है कि वैज्ञानिकों पर कौन से आरोप लगाए गए हैं. इस संबंध में अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए अधिकारियों पर काफी गंभीर आरोप हैं. चूकी यह मामला स्पेशल सर्विसेज से संबंधित है, इस वजह से इस पर ज्यादा बात नहीं की जा सकती है.

साथियों ने भी किया इनकार

गौरतलब है कि जो वैज्ञानिक गिरफ्तार किए गए हैं, उनके साथ काम करने वाले लोगों और साथी वैज्ञानिकों ने बताया कि किसी भी प्रकार के हथियार बनाने में शामिल नहीं थे. उनका कहना है कि गिरफ्तार किए गए वैज्ञानिकों के ऊपर कुछ विदेशी मामले शोधकर्ताओं के काम पर आधारित है.

जानिए क्या होता है हाइपरसोनिक हथियार

हाइपरसोनिक उन मिसाइलों को कहा जाता है, जिनकी स्पीड काफी तेज होती है. ये मिसाइलें ध्वनि की गति से भी तेज चलती हैं. हवाई सुरक्षा से बचते हुए उड़ान के दौरान दिशा भी बदल सकती है. हाल ही में रूस ने बताया था कि उसने यूक्रेन के साथ हो रहे युद्ध के दौरान हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है. जिन मिसाइलों का प्रयोग किया गया है, उनमें किंझल मिसाइल और दूसरा जिरकॉन क्रूज मिसाइल है.

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