भारत और अमेरिका की बड़ी प्लानिंग, दोनों देश मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में करेंगे काम

Raginee Rai
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Washington: भारत और संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करेंगे. इसको लेकर दोनों देशों ने बीच अहम बैठक की गई. अमेरिका के रक्षा विभाग ने जानकारी दी है कि भारत और अमेरिका के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की है. भारत और अमेरिकी अधिकारियों ने अंतरिक्ष से संबंधित उद्योग के साथ सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान पर भी चर्चा की है.

भारत-अमेरिका संबंध 

अब भारत और अमेरिका अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी भागीदारी को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं. दूसरे वार्षिक ‘यूएस-इंडिया एडवांस्ड डोमेन्स डिफेंस डायलॉग’ की मीटिंग में अधिकारियों ने द्विपक्षीय सहयोग की विस्तृत श्रृंखला पर बात की. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संयुक्त सचिव विश्वेश नेगी ने और अमेरिकी दल का नेतृत्व अंतरिक्ष नीति के कार्यवाहक सहायक रक्षा मंत्री विपिन नारंग ने किया. अमेरिकी रक्षा विभाग की प्रवक्ता कमांडर जेसिका एंडरसन ने बताया कि इस साल के संवाद के दौरान, नारंग और नेगी ने अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर बात की. साथ ही अमेरिकी उद्योग के साथ सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान की.

अंतरिक्ष स्टेशन पर भारतीय 

जानकारी दें कि हाल ही में भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी आए थे. उन्‍होंने जानकारी देते हुए कहा था कि अमेरिका इस साल के अंत तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने वाला है. एरिक गार्सेटी ने बताया था कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच एनआईएसएआर (NISAR) परियोजना के अंतर्गत एक संयुक्त मिशन को भी इस साल के अंत तक शुरू करने की उम्‍मीद है.

अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पर ध्यान देना जरूरी 

अमेरिकी राजदून ने ये कहा था कि भारत और अमेरिका को अनुसंधान और उभरती प्रौद्योगिकी पर ध्यान देने की जरूरत है. इस तरह से दोनों देश एक-दूसरे की ताकत का लाभ ले पाएंगे. उन्होंने कहा था कि भारत ने पिछले वर्ष मिशन चंद्रयान 3 के लिए जितनी राशि लगाई, अमेरिका ने भी उतनी ही राशि इसी तरह के चंद्र मिशन पर खर्च की थी. गार्सेटी ने यह भी कहा था कि अमेरिका के पास कुछ क्षमताएं हैं, जिनकी भारत में आज भी कमी हैं. भारत और अमेरिका को अपनी क्षमताओं की मजबूती के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाना जरूरी है.

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