पश्चिम एशिया के लिए अमेरिकी समाचार टीवी चैनल ने कर्मचारियों को किया बर्खास्त, लगाया ये आरोप

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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West Asia: अमेरिका में इस समय जहां एक ओर विदेशी प्रवासियों को वापस उनके देश भेजा जा रहा है, वहीं अब कर्मचारियों पर भी नकेल कंसा जा रहा है. इसी बीच अमेरिका से आर्थिक सहायता पाने वाले अरबी के एक टीवी चैनल और न्यूज वेबसाइट के प्रमुख ने ट्रंप प्रशासन और एलन मस्क पर ‘गैर-जिम्मेदाराना और गैर-कानूनी तरीके से’ वित्तपोषण में कटौती करने का आरोप लगाते कई कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का ऐलान किया है इसके साथ ही टीवी कार्यक्रमों में कटौती करने की भी घोषणा की गई है.

चैनल के है तीन करोड़ से अधिक दर्शक

दरअसल, समाचार संस्थान ‘अल हुर्रा न्यूज’ ने दावा किया है कि पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका में उसके तीन करोड़ से अधिक दर्शक हैं, जिनके कर्मचारियों को शनिवार को बर्खास्तगी के संबंध में नोटिस भेजे गए है. इस नोटिस में संस्थान के प्रमुख जेफरी गेडमिन ने कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी है कि अल हुर्रा और उसके सहयोगी संस्थानों के लिए संसद द्वारा स्वीकृत धनराशि पर लगी अमेरिकी प्रशासन की रोक जल्द हटेगी.

जेफरी गेडमिन ने लगाया ये आरोप

उन्‍होंने अल हुर्रा, ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ और विदेश में अमेरिका से आर्थिक सहायता पाने वाले अन्य समाचार कार्यक्रमों की निगरानी करने वाली अमेरिकी सरकारी एजेंसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नियुक्त कैरी लेक पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उन्‍होंने वित्तपोषण में कटौती के बारे में बात करने के प्रयासों को टाल दिया.

जानबूझकर नहीं दे रहें पैसा…

कर्मचारियों के बर्खास्तगी नोटिस में गेडमिन ने कहा कि मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि कैरी लेक जानबूझकर हमें वह पैसा नहीं दे रही हैं, जो हमें आपको, हमारे समर्पित और कड़ी मेहनत करने वाले कर्मचारियों को देने के लिए चाहिए.

व्हाइट हाउस से भी मांगी गई प्रतिक्रिया

वहीं, इस मामले को लेकर शनिवार को व्हाइट हाउस से प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन तुरंत कोई जवाब नहीं आया. वहीं, दुबई में अल हुर्रा समाचार वेबसाइट में काम करने वाले मिस्र के पत्रकार मोहम्मद अल-सबाग ने बताया कि वेबसाइट और टेलीविजन चैनल के सभी कर्मचारियों को अनुबंध समाप्त करने को लेकर ईमेल मिला है.

बता दें कि इससे पहले अल-हुर्रा से पहले वॉयस ऑफ अमेरिका, रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी, रेडियो फ्री एशिया समेत विभिन्न समाचार संस्थानों ने कर्मचारियों और सेवाओं में कटौती की है.

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