White House deal: इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के व्हाइट हाउस ने पहली राष्ट्रीय रणनीति की घोषणा की है, जिसमें सौ से ज्यादा कदम बताए गए हैं, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति के संघीय अधिकारी मुसलमानों और अरब अमेरिकियों के खिलाफ नफरत, हिंसा, पूर्वाग्रह और भेदभाव को रोकने के लिए उठा सकते हैं.
64 पृष्ठों का यह दस्तावेज अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण से कुछ सप्ताह पहले आया है, जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कुछ मुस्लिम बहुल देशों के लोगों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाइडन ने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन ही हटा लिया था. यह प्रस्ताव यहूदी विरोधी भावना से लड़ने के लिए एक समान राष्ट्रीय योजना का पालन करता है.
ट्रंप पर होगी इसे लागू करने की जिम्मेदारी
दरअसल, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने इस्लामोफोबिया विरोधी योजना पर लंबे समय तक काम किया है. वहीं, गुरुवार को बाइडेन के पद छोड़ने से करीब पांच सप्ताह पहले ही इसे जारी कर दिया गया, जो यह संकेत देता है कि इस योजना को लागू करनक की ज्यादातर जिम्मेदारियां अगली सरकार यानी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर होगी.
अमेरिकी मुस्लिम और अरब समुदायों के खिलाफ खतरे बढ़े
इस रणनीति का ऐलान करते हुए बाइडेन प्रशासन ने कहा कि यह पहल पिछले एक साल में और भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि अमेरिका में मुस्लिम और अरब समुदायों के खिलाफ खतरे काफी बढ़ गए हैं. साथ ही ये भी कहा गया कि अक्टूबर 2023 में छह वर्षीय वादी अल्फायूमी की इलिनोइस में चाकू घोंपकर की गई हत्या भी शामिल है, जो फिलिस्तीनी मूल का एक अमेरिकी मुस्लिम लड़का था.
सौ से अधिक आह्वान
इस्लामोफोबिया से निपटने की इस रणनीति में कार्यकारी शाखा द्वारा की जा सकने वाली कार्रवाइयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. इसके साथ ही समाज के सभी क्षेत्रों में कार्रवाई के लिए सौ से अधिक अन्य आह्वान भी किए गए हैं.
मुस्लिमों की सुरक्षा और संरक्षा में व्यापक सुधार करना
रिपोर्ट के मुताबिक, रणनीति की चार बुनियादी प्राथमिकताएं हैं. इसमें मुसलमानों और अरबों के खिलाफ नफरत के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इन समुदायों की विरासतों को व्यापक रूप से पहचानना, उनकी सुरक्षा और संरक्षा में व्यापक सुधार करना, उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए काम करके मुस्लिम और अरब धार्मिक प्रथाओं को उचित रूप से समायोजित करना इसके साथ ही नफरत का मुकाबला करने के लिए समुदायों के बीच एकजुटता को प्रोत्साहित करना है.
मुसलमानों और अरब अमेरिकियों राष्ट्र के निर्माण में की मदद
जारी बयान में कहा गया है कि कभी-कभी व्यक्तियों को इसलिए निशाना बनाया जाता है, क्योंकि वो मुसलमान होते है. ऐसे में यह पहचानना भी महत्वपूर्ण है कि अरबों को नियमित रूप से केवल इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि वे कौन हैं? यह देखते हुए कि मुसलमानों और अरब अमेरिकियों ने इसकी स्थापना के बाद से राष्ट्र के निर्माण में मदद की है.
वहीं, नए डेटा संग्रह और शिक्षा प्रयास नफरत के इन रूपों के साथ मुस्लिम और अरब अमेरिकियों की गौरवशाली विरासतों के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं. इस रणनीति में घृणा अपराधों की रिपोर्टिंग में मुस्लिम और अरब अमेरिकियों को शामिल करने की सफल प्रथाओं को अधिक व्यापक रूप से प्रसारित करने का आह्वान किया गया है.
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