WHO के 77वीं बैठक की शुरुआत, गेब्रेयेसस ने किया भारतीय पारंपरिक चिकित्सा का जिक्र, रखा 7 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

WHO: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के बाद अब अगली महामारी से निपटने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है, इन्‍हीं तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से WHO ने सदस्य देशों के मंत्रियों और अन्य शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को अपनी वार्षिक बैठक की शुरुआत की.

दरअसल, इस बैठक का उद्देश्‍य सर्वाधिक महत्वाकांक्षी परियोजना महामारी को लेकर एक संधि पर हस्ताक्षर करना है, लेकिन अभी तक इसका मसौदा तैयार नहीं किया जा सका है. ऐसे में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रॉस गेब्रेयेसस ने कहा कि शुक्रवार तक इस पर एकजुट ना हो पाना कोई नाकामी नहीं है. उन्‍होंने कहा कि इस हफ्ते वर्ल्ड हेल्थ असेंबली आगे की राह तैयार कर सकती है.

इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण बैठक

उन्‍होंने कहा कि फिलहाल प्रतिनिधि, स्वास्थ्य अधिकारी और कार्यकर्ता एक मसौदा संधि तैयार करने का प्रयास कर रहे है. उन्‍होंने अनुमान जताया कि यह बैठक डब्ल्यूएचओ के 76 वर्षों के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. बता दें कि इस दौरान संयुक्त राष्ट्र की 194 सदस्यीय स्वास्थ्य एजेंसी की बैठक में कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

WHO: सात अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य

डब्ल्यूएचओ ने एक नया निवेश का दौर शुरू करते हुए करीब 7 अरब डॉलर की धनराशि जुटाने का लक्ष्य रखा है. 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा से पहले डब्‍लूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि प्रतिबद्धता बढ़ने से साल 2025 से 2028 तक चार वर्षों में एजेंसी को लक्ष्य बढ़ाना पड़ा है. उन्‍होंने कहा कि नए निवेश का दौर यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, जिससे स्वैच्छिक योगदान अधिक टिकाऊ हो सके.

भारतीय पारंपरिक चिकित्सा का जिक्र

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रॉस गेब्रेयेसस ने भारत में स्थापित वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र का जिक्र करते हुए पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का उल्लेख किया. उन्होंने जिनेवा में 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए दवाओं और अन्य स्वास्थ्य उत्पादों तक पहुंच के समर्थन का आह्वान भी किया. इसके साथ ही उन्‍होंने इस शीर्ष संगठन के सात अरब डॉलर जुटाने में कामयाब होने की उम्‍मीद जताई है.

आपको बता दें कि मार्च 2022 में, भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी- WHO ने पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर की स्थापना का ऐलान किया था. इसके लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए गए थे.

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