Pakistan News: फांसी की सजा सबसे बड़ी सजा है. किसी संगीन अपराध के लिए इस सजा को कोर्ट द्वारा दिया जाता है. कई देशों में फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, पड़ोसी देश पाकिस्तान से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे. पाकिस्तान में एक महिला को केवल इसलिए फांसी की सजा सुना दी गई, क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिया. महिला पर आरोप लगा कि उसने पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी करने की गलती है. महिला की उम्र 40 साल बताई जा रही है.
दरअसल, ईशनिंदा मामले में एक ईसाई महिला शगुफ्ता किरण को पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) के तहत गुरुवार को मौत की सजा सुनाई गई. जानकारी के मुताबिक महिला का 4 साल का एक बेटा भी है. इस ईसाई महिला को जज मोहम्मद अफजल मजोका ने पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की धारा 295 और पीईसीए की धारा 11 के तहत दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुना दी है. फांसी की सजा के साथ महिला पर कोर्ट ने पाकिस्तानी पैसे 1 लाख पीकेआर का जुर्माना भी लगाया है.
महिला का अपराध समझिए
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस ईसाई महिला ने पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी की थी. यह गलती उसने सोशल मीडिया पर की थी. कथित तौर पर महिला ने ईशनिंदा का एक मैसेज सोशल मीडिया पर साल 2020 में शेयर किया था. पाकिस्तानी रिपोर्ट के अनुसार यह मामला एक यूजर शिराज अहमद ने दर्ज कराया था, उन्होंने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की साइबर अपराध शाखा में महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
बता दें कि एफआईए ने महिला के खिलाफ 29 जुलाई, 2021 को केस दर्ज किया. महिला ने ट्रायल कोर्ट और इस्लामाबाद हाइकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया था.
महिला के बारे में जानिए
महिला का नाम शगुफ्ता किरण है, जिनका एक 4 साल का बेटा भी है. इस मामले में उनके वकील का कहना है कि उन्होंने सिर्फ सोशल मीडिया पर ईशनिंदा का पोस्ट शेयर किया था और वो इसको बनाने वाली नहीं है. महिला के वकील का कहना है कि जहां शगुफ्ता को सजा दी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ असली अपराधी जिसने वो मैसेज बनाया वो आजाद घूम रहा है.
ईशनिंदा कानून की रिपोर्ट आई सामने
इससे पहले विश्व स्तर पर न्याय और मानवाधिकारों की वकालत करने वाले अमेरिका स्थित गठन क्लूनी फाउंडेशन फॉर जस्टिस (सीएफजे) की एक रिपोर्ट से पता चला था कि पाकिस्तान के ईशनिंदा के कानूनों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि इस मामले में आरोपियों को बिना किसी वारंट के ही गिरफ्तार किया जाता है. जमानत से इनकार कर दिया जाता है और अनुपस्थित गवाहों के कारण बार-बार स्थगन का सामना करना पड़ता है. इस कारण उनको लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में पाकिस्तान के मानवाधिकार ने सवाल उठाए हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार ने ईशनिंदा के आरोपी दो व्यक्तियों की कथित हत्याओं के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की. पाकिस्तान के क्वेटा शहर में एक होटल मालिक को हिरासत में मारा गया था और उमरकोट में एक डॉक्टर को पुलिस छापे के दौरान मारा गया था.