Mpox Global Health Emergency: मंकी पॉक्स साउथ अफ्रीका से निकल कर विश्व के कई देशों में फैल रहा है. हाल में एक मामला पाकिस्तान से भी आया है. यहां पर सऊदी से लौटे एक शख्स में मंकीपॉक्स की पुष्टी की गई है. वहीं, अफ्रीका जैसे देशों में तो मंकीपॉक्स अपना पांव पसार रहा है. तेजी से बढ़ रहा मंकीपॉक्स का वायरस कोरोना जैसे करीब सभी देशों को अपने कब्जे में ले रहा है. लगातार बढ़ते मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता व्यक्त करते हुए ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन यामी डब्ल्यूएचओ ने इस बात की घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल वायरस के प्रेकोप के बाद की. विगत दो सालों में यह दूसरी बार है जब एमपॉक्स को वैश्विक इमेरजेंसी घोषित किया गया.
सामने आया एमपॉक्स का नया वैरिएंट
बता दें कि विगत दो सालों पहले ही WHO ने एमपॉक्स को इमरजेंसी घोषित किया था. उस समय भी यह वायरस वैश्विक स्तर पर फैलने लगा था. संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एडोनम गेब्रीयेसुस ने बताया कि एमपॉक्स का नया वैरिएंट एमपॉक्स क्लेड 1 महामारी के जैसे फैल रहा है. कांगो प्रांत में इसका तेजी से फैलना और कई पड़ोसी देशों में इसके मामलों में बढ़ोत्तरी काफी चिंताजनक है.
बता दें कि इससे पहले अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था. इस सेंटर ने कहा था कि मंकी पॉक्स पिछली बार से ज्यादा चिंताजनक है. ऐसा इसलिए क्योंकि नया वैरिएंट ज्यादा घातक है.
आपको जानना चाहिए कि स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि अफ्रीका के बाहर एमपॉक्स वायरस का पहला मामला दर्ज किया गया है. संक्रमित व्यक्ति अफ्रीका के उस हिस्से में रहे थे जहां एमपॉक्स क्लेड 1 महामारी की तरह फैल रहा है. मंकीपॉक्स जानवरों में तेजी से फैलता है. वहीं, इसके बाद यह बीमारी इंसानों में फैलती है. हालांकि, अब यह बीमारी इंसानों में तेजी से फैल रही है.
जानिए कितने बीमार
मंकीपॉक्स पिछले कई दशकों से अफ्रीकी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में रहा है. इसका पहला मामला साल 1970 में कांगों में सामने आया था. इसी समय से इसका प्रकोप जारी है. कांगो में सबसे ज्यादा खराब स्थिति जनवरी 2023 में रही थी. मंकीपॉक्स के अब तक 27 हजार मामले आए हैं ओर 1100 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं हैं, जिनमें से ज्यादा बच्चे शामिल हैं.
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