Yemen: अमेरिकी युद्धक विमानों ने रविवार को यमन की राजधानी सना पर हमला करते हुए हूतियों की कमर तोड़ दी है. हमले में कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है, जबकि 101 घायल हुए हैं. यमन में हुए इन हमलों ने एक बार फिर मिडिल-ईस्ट में भयानक युद्ध की चिंगारी सुलगा दी है. हमले के बाद यमन की सेना अमेरिकी और ब्रिटिश हमलों का जवाब देने की तैयारी में लग गई है. सूत्रों के अनुसार, हूती द्वारा यूएई और जिबूती में मौजूद अमेरिका के सैन्य बैस को टारगेट किया जा सकता है.
अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी रणनीतिक गलती
यमन के स्वाथ्य मंत्रालय ने हताहतों की जानकारी देते हुए कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी रणनीतिक गलती की है और इसके भयानक परिणाम होंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विमानों जहां हमला किया, वो रिहायशी इलाके थे. वहां कोई सैन्य बैरक या हथियार डिपो नहीं था.
इजरायल को थी हमले की जानकारी
इजरायल अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने हमें यमन पर हमले से पहले ही इसकी जानकारी दी थी. हूती विद्रोही पहले भी कई बार इजरायल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल से हमला कर चुके हैं, जिससे उम्मीद की जा रही है कि हूती इस हमले का जवाब भी इजरायल पर हमला करके दे सकते हैं.
ईरान और हमास ने दी प्रतिक्रिया
यमन की राजधानी सना में हुए हवाई हमले की ईरान और हमास ने कड़ी निंदा की है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यमन के खिलाफ अमेरिकी और ब्रिटिश आक्रमण संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है.
तुम्हारा खत्म हुआ समय
वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने हूती विद्रोहियों को साफ संदेश देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि उनका समय खत्म हो गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के आदेश के पीछे की वजह लाल सागर में हूतियों द्वारा जहाजों को निशाना बनाए जाने को बताया है. हालांकि लाल सागर में हूती लड़ाकों के हमले पिछले साल दिसंबर से ही बंद हैं. गाजा सीजफायर के बाद हूतियों ने भी लाल सागर में हमले रोक दिए थे.
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