Zorawar light tanks : चीन की नींद उड़ाने के लिए जल्द ही भारतीय सेना में ‘जोरावर’ शामिल होने वाला है. शनिवार को गुजरात में इस टैंक का सफल परीक्षण किया गया. वहीं साल 2027 तक इसे भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है. इस टैंक को भारत में ही डीआरडीओ और लार्सन एंड ट्रुबो ने मिलकर महज दो सालों के भीतर ही तैयार किया गया है, जिसे लद्दाख में चीन से जुड़े हुए बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा.
इस टैंक का नाम 19वीं सदी के सैन्य कमांडर जोरावर सिंह के सम्मान में रखा गया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि इतने कम समय में किसी नए टैंक को डिजाइन करके परीक्षण के लिए तैयार किया गया है. यह साइज में छोटा और वजन में हल्का होने के साथ ही मुश्किल इलाकों में आसानी से चलने में माहिर है.
ये हैं जोरावर की खासियत
बता दें कि शुरुआत में सेना को 59 टैंक दिए जाएंगे और फिर बाद में सेना को कुल 295 टैंक उपलब्ध कराए जाएंगे. कई खेपों में इस टैंक को सेना को सौंपा जाएगा. 25 टन वजनी और 750 हॉर्स पावर के दमदार इंजन से चलने वाला जोरावर की मारक क्षमता भी काफी तीव्र है. इसमें 105 मिमी से अधिक कैलिबर की गन लगी है, जिससे एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल दागी जा सकती हैं. साथ ही इसमें कुछ ऐेसे सिस्टम भी लगे हैं, जिससे यह उन मुश्किल पहाड़ी इलाकों में भी ऑपरेशन कर सकता है, जहां दूसरे बड़े टैंक नहीं पहुंच सकते.
चीनी टैंक को टक्कर देगा जोरावर
वहीं, चीन ने अपने ZTQ-15 या टाइप 15 टैंक को पूरे एलएसी पर तैनात कर रखा है. चीन का यह लाइट टैंक 33 टन वजनी है, जिससे ये आसानी से उंचाई वाली जगह पर चढ़ जाते हैं. हालांकि भारतीय सेना के मौजूदा रूसी निर्मित टैंक T-72 और T-90 का वजन 40 टन से ज्यादा है, लेकिन भारतीय टैंक की मारक क्षमता चीनी लाइट टैंक से काफी मजबूत है.
वहीं, जोरावर टैंक का वजन इसके मुकाबले काफी कम है. चीन का यह टाइप 15 टैंक में 1000 हॉर्स पॉवर की क्षमता होने के साथ ही इसमें 105 मिमी कैलिबर की गन लगी हुई है. जबकि जोरावर 30 प्रति हॉर्स पावर की क्षमता से लैस है.
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