Arctic Ocean: प्रकृति में लगातार हो रहे परिवर्तन का भीषण असर पर्यावरण पर पड़ा है. काफी प्रयासों के बावजूद भी पर्यावरण को नियंत्रित नहीं किया जा सका है. नई जांच रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean) में गर्मियों वाली बर्फ विलुप्त हो जाएगी. नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस में हुई जलवायु संधि के तहत अगर ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर भी रोक दिया जाए, तब भी आर्कटिक महासागर पर तैरती बर्फ को पिघलने से नहीं रोका जा सकता है.
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हैम्बर्ग विवि. के एक प्रोफेसर नॉटज ने कहा, बर्फ को एक आवास और लैंडस्केप के तौर पर संरक्षित करने में काफी देर हो चुकी है. बहुत जल्द गर्मियों में होने वाली बर्फ पिघल जाएगी. उन्होंने आगे कहा, जितना टुकड़ा अभी बचा है, हम उसे सुरक्षित करने के लिए काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. ग्लोबल वार्मिंग के कारण हम काफी अहम चीज को खो देंगे.
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