Cyclone Biparjoy: सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में चक्रवात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई. समीक्षा बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों की निकासी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय किए जाएं. नुकसान की स्थिति में तत्काल सेवा बहाल करने की तैयारियों के साथ आवश्यक सेवाओं का रख-रखाव सुनिश्चित करें. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय चक्रवात बिपरजॉय की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहा है. एनडीआरएफ की 12 टीम तैनात है। 15 और टीमों भी तैयार रहने को कहा गया है.
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, कमल किशोर, भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा सहित अन्य ने भाग लिया.
इससे पहले बैठक के दौरान एक प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें बताया गया कि कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में 15 जून को सुबह से शाम तक 125-135 किमी प्रति घंटे से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ तूफानी मौसम का अनुभव हो सकता है. गुजरात के दक्षिण और उत्तरी तटों पर मछली पकड़ने की गतिविधियों को रोक दिया गया है और अधिकारी चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए समुद्र से लोगों को निकाल रहे हैं.
तटीय देवभूमि द्वारका के अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 1,300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा कि ‘अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान’ के उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और 15 जून की दोपहर तक मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र और कच्छ व उससे सटे पाकिस्तान के तटों को पार करने की संभावना है. गुजरात के सात जिलों में चक्रवात के असर को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है. राज्य के दक्षिणी और उत्तरी तटीय इलाके में अधिकारियों ने मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है.