नई दिल्लीः भारत की सेना के बेड़े में लगातार नए-नए स्वदेशी निर्मित हथियार, पनडुब्बी और अन्य कई ताकतें बढ़ती जा रही हैं. इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान में एकीकृत सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स (आईएससी) ‘ध्रुव’ का उद्घाटन किया.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इंटीग्रेटेड सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स में स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक सिम्युलेटर (ऐसी मशीन जो प्रशिक्षण या अनुसंधान के उद्देश्य से वांछित वातावरण के रूप में व्यवहार करती है) शामिल हैं, जो भारतीय नौसेना में व्यावहारिक प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण सुधार लाने में मददगार साबित होंगे.
बताया जा रहा है कि इन सिम्युलेटरों की परिकल्पना नेविगेशन, बेड़ा प्रचालनों और नौसेना के युद्ध कौशलों पर वास्तविक समय अनुभव प्रदान करने को लेकर की गई है. इन सिम्युलेटरों का उपयोग मित्र देशों के कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए भी किया जाएगा.
रक्षा मंत्री ने ध्रुव का उद्घाटन करने के बाद मल्टी स्टेशन हैंडलिंग सिम्युलेटर (एमएसएसएचएस), एयर डायरेक्शन और हेलिकॉप्टर नियंत्रण सिम्युलेटर (एडीएचसीएस) और एस्ट्रोनेविगेशन डोम का दौरा किया. डीआरडीओ प्रयोगशाला के इंस्टीट्यूट सिस्टम्स स्टडीज एंड एनालिसिस द्वारा एडीएचसीएस को तैयार किया गया है.
मालूम हो कि नई दिल्ली स्थित एआरआई प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित्त शिप हैंडलिंग सिम्युलेटर का निर्यात 18 देशों में किया गया है. जबकि एस्ट्रोनेविगेशन डोम को इन्फोविजन टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है और यह भारतीय नौसेना द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला अपनी तरह का पहला सिम्युलेटर होगा.
बयान के अनुसार, ‘इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स स्टडीज एंड एनालिसिस’ (आईएसएसए) द्वारा निर्मित एडीएचसीएस प्रशिक्षुओं को ‘रियल टाइम’ में परिचालन पर्यावरण परिदृश्य प्रदान करने में सक्षम होगा. आईएसएसए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तकनीकी रूप से उन्नत ये सिम्युलेटर केंद्र सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को दर्शाते हैं और देश में बड़ी रक्षा निर्यात क्षमता विकसित होने का भरोसा दिलाते हैं.
मंत्रालय के मुताबिक, एकीकृत सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स में कॉमबैट मैनेजमेंट सिस्टम और मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस लैब जैसे अत्याधुनिक स्वदेशी सिम्युलेटर भी शामिल हैं. उसने बताया कि एकीकृत सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स के दौरे के दौरान रक्षा मंत्री ने विभिन्न सिम्युलेटर के निर्माण में शामिल कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत भी की.