कलकत्ताः पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान भड़की हिंसा की घटनाओं की सीबीआई जांच का कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया है. जस्टिस अमृता ने चुनाव से पहले नामांकन के दौरान हुई हिंसा मामले में मतदान से एक दिन पहले 7 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव में तैनाती के लिए 24 घंटे में 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों के कर्मियों की मांग करने का निर्देश दिया है.
मालूम हो कि पंचायत चुनाव के नामांकन दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इन विपक्षी दलों में भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम शामिल हैं. याचिका में आरोप लगाया गया था कि हिंसा के कारण कुछ उम्मीदवारों के नाम उम्मीदवारों की सूची से गायब हो गए. याचिका में सीपीएम ने आरोप लगाया है कि राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई लिस्ट में उनके उम्मीदवारों के नाम नहीं थे. इस पर बुधवार को जस्टिस अमृता सिन्हा ने सुनवाई की. उन्होंने हिंसा पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य चुनाव आयोग को सूची में उम्मीदवारों के नाम शामिल करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में इतनी हिंसा देखी गई है. अगर ऐसा ही रक्तपात चलता रहा तो चुनाव को रोक देना चाहिए. गौरतलब है कि राज्य में हुई हिंसा को लेकर एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी.