Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ की यात्रा सनातन धर्म में एक बड़ा यात्रा के तौर पर देखी जाती है. वहीं इस यात्रा को मोक्ष की यात्रा के तौर पर देखा जाता है. दरअसल, मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु एक बार इस यात्रा में शामिल हो बाबा बर्फानी के दर्शन कर लेता है उसको मोक्ष की प्रप्ति होती है. श्रीअमरनाथ जी की यात्रा इस साल 1 जुलाई से शुरू होगी. ये यात्रा 31 अगस्त तक चलेगी. हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन 62 दिनों की यात्रा को किन मार्गों से पूरा किया जाता है और यात्रा के दौरान किन बातों को ध्यान में रखना होगा.
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अमरनाथ की यात्रा काफी उंचाई की यात्रा है. इसमें जो भी शामिल होना चाहता है उसको शारिरिक रुप से फिट होना काफी आवश्यक है. ऐसे में इस यात्रा में शामिल होने के लिए उम्र सीमा का भी निर्धारण किया गया है. अमरनाथ की यात्रा में शामिल होने और बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए 13 से 70 साल के बीच के लोगों का ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है. इस यात्रा में शामिल होने के लिए शारिरिक फिट के साथ सांस की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. अगर कोई भी श्रद्धालु सांस की समस्या या फिर हृदय से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहा है तो उसको इस यात्रा से परहेज करना चाहिए.
कैसे होते हैं पंजीकरण
अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से की जाती है. इसके लिए आप वेबसाइट https://jksasb.nic.in विजिट कर सकते हैं. यहां से आसानी से अपने डिटेल भरने के साथ पंजीकरण कराया जा सकता है. इसी के साथ Amarnathji yatra app के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. नियमों और शर्तों को पूरा करने के साथ पंजीकरण कराया जा सकता है.
किन मार्गों से होती है यात्रा
बाबा बर्फानी की यात्रा के लिए दो मार्गों से जाया जाता है. पहला रास्ता करीब 50 किलोमीटर का है जो कि पहलगाम से प्ररंभ होता है. इस रास्ते के सफर को पूरा करने के लिए 5 दिनों का वक्त लगता है. तो वहीं दूसरा रास्ता बालटाल से शुरू होता है इस रास्ते की दूरी मात्र 15 किलोमीटर ही है लेकिन खड़ी चढ़ाई है. कठिन चढ़ाई के कारण लोग दूसरा वाला रास्ता लेना पसंद करते हैं.