PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को G-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में शिरकत की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, यह सौभाग्य की बात है कि यह बैठक ऐसे देश में हो रही है, जिसके पास प्रौद्योगिकी-आधारित परिवर्तन के दौरान भी बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी नौकरियां निकालने का अनुभव है. उन्होंने कहा, “चौथी औद्योगिक क्रांति के इस युग में प्रौद्योगिकी रोजगार का मुख्य चालक बन गई है और आगे भी बनी रहेगी.
यह सौभाग्य की बात है कि यह बैठक ऐसे देश में हो रही है, जिसके पास पिछले ऐसे प्रौद्योगिकी-आधारित परिवर्तन के दौरान बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी नौकरियां पैदा करने का अनुभव है.” पीएम मोदी ने आगे कहा, “हम सभी को अपने कार्यबल को उन्नत प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के उपयोग में कुशल बनाने की आवश्यकता है. स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग भविष्य के कार्यबल के लिए मंत्र हैं.
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भारत में हमारा ‘स्किल इंडिया मिशन’ इसी वास्तविकता से जुड़ने का एक अभियान है.” प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “कोविड के दौरान भारत में फ्रंटलाइन स्वास्थ्य और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अद्भुत काम ने उनके कौशल और समर्पण को दिखाया. यह हमारी सेवा और जुनून की संस्कृति को भी दर्शाता है. दरअसल, भारत में दुनिया में कौशल कार्यबल के सबसे बड़े प्रदाताओं में से एक बनने की क्षमता है.”
पीएम मोदी ने स्किल इंडिया मिशन को लेकर कहा, “लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करता है और आय स्रोतों की भी पूर्ति करता है. इसमें विशेषकर युवाओं के लिए लाभकारी रोजगार पैदा करने की अपार संभावनाएं हैं. यह महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण भी हो सकता है. इसकी क्षमता का एहसास करने के लिए हमें नए जमाने के श्रमिकों के लिए नए जमाने की नीतियां और हस्तक्षेप डिजाइन करने की जरूरत है.”
पीएम मोदी ने कहा, “इन कर्मचारियों और श्रमिकों के संबंध में आंकड़े, सूचना और डेटा साझा करना शुरुआत करने का एक शानदार तरीका हो सकता है. यह दुनिया भर के देशों को बेहतर कौशल, कार्यबल योजना और लाभकारी रोजगार के लिए साक्ष्य आधारित नीतियां बनाने के लिए सशक्त बनाएगा.” उन्होंने कहा, “अब सही अर्थों में कौशल के विकास और साझाकरण को वैश्वीकृत करने का समय आ गया है.
G20 को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. मैं कौशल और योग्यता आवश्यकताओं के आधार पर व्यवसायों का अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ शुरू करने के आपके प्रयासों की सराहना करता हूं. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय तथा प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी के नए मॉडल की आवश्यकता है.” प्रधानमंत्री ने कहा, “अब सही अर्थों में कौशल के विकास और साझेदारी को वैश्वीकृत करने का समय आ गया है. G20 को इसमें मुख्य भूमिका निभानी चाहिए.”