Sawan month: आधुनिकता के चकाचौंध में अपनी प्रासंगिकता खो रहा है सावन माह, सिर्फ निभाई जा रही औपचारिकता

Must Read

Sawan month: कभी सावन के नाम से मन में खुशियां भर देने वाला सावन का महीना तेज भाग-दौड़ की जिंदगी और आधुनिकता के चकाचौंध के चलते अपनी प्रासंगिकता खो रहा है. गांवों की अमराइयों में झूले से लहराते पेड़ों की डाले और लोकधुनों पर आधारित कजली के मीठे कर्णप्रिय गीत अब बीते जमाने की बात हो गई है. अब तो सावन रक्षाबंधन और नागपंचमी के आयोयन और कुछ प्रतीकों में ही जिंदा नजर आ रहे हैं.

हिंदी महीनों में सावन युवा उमंग, उत्साह का प्रतीक माह है
हिंदी महीनों में सावन युवा उमंग, उत्साह का प्रतीक माह है. बाग-बागीचों, खेतों, पेड़ों में यह माह जहां नवीन जीवन संचार का संकेत देता है, वहीं सावन ताल-तलैया, नदी, नालों के यौवन के उभार का माह है. रामनवमी के बाद बंद पड़े हिंदू त्यौहारों की श्रृंखला सावन माह के नागपंचमी से प्रारंभ हो जाते है. सावन आते ही गांव के अमराईयां और अखाड़े गुलजार हो जाया करते थे.

युवा प्रतियोगिताओं में करते थे अपना कलात्मक प्रदर्शन
अखाड़ों में जहां युवा कुश्ती, दंडबैठक, लम्बी, ऊंची कूद की तैयार कर नागपंचमी की प्रतियोगिताओं में अपना कलात्मक प्रदर्शन करते थे, वहीं गांव के तमाम बाग-बागीचों में झूलों की पेगो में हिलती पेड़ों की डाली और युवतियों द्वारा गाए जाने वाली कजली गीतों से देर रात तक गांव गुलजार रहते थे. सावनी झूले की लहक कभी युवतियों को क्या, पौढ़ महिलाओं को भी अपनी ओर खीच लेती थी, आज वह झूले की पेगे मारना आज की आधुनिक बालाएं गवाकपन की निशानी समझ रही है.

आज की युवतियां भूल गई कजली गीतों को
जिन कजली गीतों में कभी बिरह-वियोग, प्रेम-मिलन और संदेश छिपे रहते थे, उन्हें आज की आधुनिक युवतियां भूल चुकी है. हमें मेंहदी लिया द पिया मोती झील से जा के साइकिल से ना तथा मिर्जापुर कईला गुलजार, कचौड़ी गली सून कइला बलमू, अब याद की बातें रह गई है.

मोबाइल, वाट्सएप और फेसबुक में व्यस्त हैं युवतियां
झूलों पर बैठी पेग लगाने वाली युवतियां अब फिल्म स्टोरी की बातें और मोबाइल पर वाट्सएप और फेसबुक में व्यस्त हैं. कुल मिलाकर सावन अमराई, झूला, कुश्ती पर फैशन, टीवी, मोबाइल प्रभावी हो गया है। अब युवतियों के युवा मन को सावन की फुहारे और झूले आकर्षित नहीं कर रहे हैं. फिर भी गांवों में गिने-चुने जगहों पर बच्चों की जिद्द पर पड़े झूले और खुदे अखाड़ों में इस पुरानी परंपरा की औपचारिका पूरी जा रही है.

Latest News

Sharad Pawar ने पार्टी उम्मीदवारों के साथ की जूम मीटिंग, कहा- ‘जब तक रिजल्ट…’

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र चुनाव के लिए शनिवार (23 नवंबर) को सुबह 7 बजे वोटों की गिनती शुरु...

More Articles Like This