Mental Health: कहीं आपको तो नहीं साइकोटिक डिसऑर्डर? अगर ऐसा हो रहा तो हो जाएं सावधान!

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Mental Health: आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम इतने व्यस्त हैं कि अपना ध्यान रखना भूल जाते हैं. कई बार हम अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं. अगर आपभी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं. ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है. क्या आपको तमाम तरह की उलझन होती है और दिमाग ठीक से काम नहीं करता, मूड स्विंगस होते हैं, अगर ऐसा है तो ये खबर आपके लिए है. जब आप जरूरत से ज्यादा तनाव लेते हैं, तो मनोस्थिति बिगड़ने लगती है. इस मेंटल कंडीशन को साइकोटिक डिसऑर्डर कहा जाता है. आइए आपको बताते हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय.

क्या है साइकोटिक डिसऑर्डर
यह एक नई प्रकार की मानसिक बीमारी है. इस बीमारी में आपको अपने भीतर चल रहे तनाव का अंदाजा नहीं रहता है. बेवजह हर बात घबराहट व ज्यादा बेचैनी होने लगती है. इस बीमारी के साथ लापरवाही करना आपको भारी पड़ सकता है. इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह तनाव भी है. आइए जानते हैं साइकोटिक डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति में जो बदलाव आते हैं उनके बारे में…

क्या हैं इसके लक्षण
आपका व्यवहार धीरे धीरे बदलने लगता है. आप बेवजह भ्रम की स्थिति में रहने लगते हैं. मरीज़ खुद को निराशा की ओर ढकेलने लगता है. मरीज़ बेपरवाह हो जाता है उसे खुद के स्वास्थ की कोई चिंता नहीं रहती है. ये साइकोटिक डिसऑर्डर के प्रमुख लक्षण हैं.

क्यों होता है साइकोटिक डिसऑर्डर
तनाव साइकोटिक डिसऑर्डर की सबसे बड़ी वजह है. अव्यवस्थित जीवन के कारण दिमाग में तनाव बढ़ जाता है. कभी कभी कोई पुरानी चोट भी इस डिसऑर्डर का बड़ा कारण बन सकती है. पर्याप्त नींद न लेने के कारण भी साइकोटिक डिसऑर्डर हो सकता है.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. यह कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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