Sanatan Dharma Statement: तमिलनाडु के सीएम के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन अपने विवादित टिप्पणी को लेकर इन दिनों चर्चा में है. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना, मलेरिया और डेंगू से की थी, साथ ही इसे जड़ से खत्म करने की बात कही थी. इस बयान के सामने आने के बाद देश में एक नई बहस छिड़ गई है. वहीं, स्टालिन के बयान का समर्थन मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने किया था. सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर दोनों नेता बुरी तरीके से फंसते नजर आ रहे हैं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के रामपुर में सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने के आरोप में सिविल लाइंस कोतवाली में तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार के दो मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है उनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और खेल एवं विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कर्नाटक सरकार में ग्रामीण एवं पंचायती राजमंत्री प्रियांक खरगे शामिल हैं.
रामपुर में दर्ज हुई एफआईआर
उत्तर प्रदेश के रामपुर में दोनों मंत्रियों के खिलाफ दो वरिष्ठ अधिवक्ता राम सिंह लोधी और हर्ष गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी. इन दोनों वकीलों का कहना था कि 4 सितंबर को उदयनिधि स्टालिन का भाषण इंग्लिश समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था, जिसमे उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया व कोरोना से करते हुए इसे जड़ से समाप्त करने की बात कही थी.
वहीं, दोनों अधिवक्ताओं ने शिकायत पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है उसके अगले दिन यानी 5 सितंबर को एक हिंदी राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रियांक खरगे द्वारा स्टालिन के भाषण का समर्थन करते हुए समाचार छपा दिखा. इस प्रकार से समाचार पढ़कर हमारी भावनाओं को अत्यधिक ठेस पहुंचा है. वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि ऐसी विवादित टिप्पणी से विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का माहौल बन सकता है.
मामला हुआ दर्ज
दर्ज किए गए मामले में इस बात का जिक्र किया गया है कि जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया गया है. इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने जानकारी दी. उन्होंने इस मामले में बताया कि दो अधिवक्ताओं की शिकायत पर दोनों मंत्रियों के खिलाफ धारा 53 ए व 295 ए आइपीसी के अंतर्गत सिविल लाइंस में मामला दर्ज किया है.
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