Ramcharitmanas Row: देश की सियासत में भगवान राम और रामचरितमानस को लेकर विवाद इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. आए दिन कोई न कोई नेता रामचरिमानस पर विवादित बयान देते हुए सामने आ रहे हैं. वहीं हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने विवादित बयान दिया था. हालांकि, विवादों में चौतरफा घिरने के बाद से उनके बोल बदल गए हैं.
जानिए पूरा मामला
बता दें कि खुद को विवादों में घिरता देख बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव अपनी टिप्पणियों को लेकर सफाई दी और बयानों को भगवान को बचाने के लिए उठाया कदम बताया. उन्होंने कहा कि भगवान राम उनके सपने में आए थे और कहा कि देखो चंद्रशेखर हमको इन लोगों ने बाजार में बेच दिया है. हमको बिकने से बचा लो. जिसके चलते हम इस तरह की बात कर देते हैं. शिक्षामंत्री ने आगे कहा कि भगवान राम को वैसा देश बनाकर दीजिए जो वह चाहते थे.
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कहा कि भगवान भी जाति व्यवस्था से कुपित थे. उन्होंने शबरी के झूठे बेर खाकर संदेश दिया, लेकिन आज शबरी के बेटे को मंदिर जाने से रोका जाता है. राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को भी रोका जाता है. गंगाजल से धोया जाता है.
रामचरितमानस पर की थी विवादित टिप्पणी
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बीते दिनों यह कह करके विवाद खड़ा कर दिया था कि रामचरितमानस जैसे प्राचीन ग्रंथों में इतने हानिकारक तत्व हैं. उनकी तुलना पोटेशियम साइनाइड से की जा सकती है. ‘शास्त्रों में बहुत सी महान बातें हैं, लेकिन अगर किसी दावत में पोटेशियम साइनाइड छिड़ककर 55 व्यंजन परोसे जाते हैं, तो भोजन खाने लायक नहीं रह जाता. चंद्रेशखर ने आगे कहा ‘यह सिर्फ मेरा विचार नहीं है, बल्कि हिंदी के बड़े लेखक नागार्जुन और समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया ने भी कहा है कि रामचरितमानस में कई प्रतिगामी विचार हैं.’ जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद से इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया. विवादों में खुद को घिरता देख अपने बयान को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने बयानों को पलट दिया.
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